नई टिहरी गढ़वाल। विस्थापितों के लिए मास्टर प्लान के तहत बसाया नई टिहरी शहर अभी तक पर्यटन नगरी के रूप में अपनी पहचान नहीं बना पाया है। शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने एवं देश व विश्व मंच पर प्रचारित करने के लिए महाकुंभ क्षेत्र अच्छा माध्यम है। महाकुंभ के जरिए नगर इसे पर्यटन नगरी की रूप में पहचान दिलाई जा सकती है। नगरपालिका अध्यक्ष राकेश सेमवाल ने मुख्य महाप्रबंधक टिहरी जल विकास निगम को प्रेषित पत्र में यह बातें कही हैं।
उन्होंने पत्र में कहा है कि नई टिहरी को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए टीएचडीसी की ओर से विश्वास दिलाया गया था, लेकिन इस दिशा में अभी तक धरातलीय पहल नहीं हो पाई है। नगरपालिका अध्यक्ष ने टीएचडीसी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि नई टिहरी शहर को पर्यटन नगरी के रूप में प्रचारित करने के लिए वर्तमान में कुंभ मेला सशक्त माध्यम है। उन्होंने सुझाव दिया कि नई टिहरी नगर, टिहरी शहर के विहंगम दृश्य, बांध की 42 वर्ग किमी झील के बडे-बड़े होर्डिग बनाकर कुंभ मेला क्षेत्र में लगाये जाएं। इससे देश-विदेश से आने वाले लोगों को नई टिहरी शहर के प्रति उत्सुकता बढ़ेगी।
उन्होंने पुनर्वास निदेशक को दिए पत्र में अवगत कराया कि पुरानी टिहरी शहर विस्थापित कर नई टिहरी नगर के रूप में विकसित किया है। पुरानी टिहरी की संपूर्ण धरोहरों को भी नई टिहरी नगर में स्थापित किया है, पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से नई टिहरी में कोई भी भव्य पार्क या चौक निर्मित नहीं है। पुरानी टिहरी में राष्ट्रपिता के नाम से घंटाघर चौराहे पर भव्य प्रतिमा निर्मित थी।
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