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लालढांग के आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों को बरसात में गांव में ही कैद होकर नहीं होना पड़ेगा। रवासन नदी के उफान पर होने के बाद भी ग्रामीण दैनिक कार्यो के लिए लालढांग आसानी से आ-जा कर सकते हैं। लोक निर्माण विभाग ने ग्रामीणों की आवश्यकताओं को देखते हुए रवासन नदी पर पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। करीब 300 मीटर लंबे पुल को लालढांग से मिट्ठीबेरी तक जोड़ा जाएगा। इस पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बरसात में रवासन नदी उफान पर रहती है। चार महीनों तक रवासन नदी पार कर लालढांग आने के लिए लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ती है। लगातार बारिश होने पर कई दिनों तक ग्रामीणों को गांवों में ही कैद होना पड़ जाता है। दूसरे छोर पर बसे मंगोलपुरा, रसूलपुर मिट्ठीबेरी, ढढियानवाला, आर्य नगर, रसूलपुर गोट, पीली पड़ाव शेष लालढांग से कट जाते हैं। ग्रामीण पिछले काफी समय से रवासन नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे थे।
लोगों की समस्या को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने रवासन नदी पर पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। तीन सौ मीटर लम्बे पुल को भारी वाहनों के लिए भी तैयार किया जाएगा। लोनिवि ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। शासन से अनुमति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पुल बनने से ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह ने बताया कि पुल पर करीब 12 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। पुल के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। अनुमति मिलते ही कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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