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- दोपहर बाद सिमलकन्या गांव में बरसी आपदा
- समीपवर्ती गांवों के नदी नाले भी उफनाए
- कई एकड़ जमीन, फलदार वृक्ष व फसलें बही, दो मकानों में दरार
भीमताल: विकासखण्ड ओखलकाण्डा के सिमलकन्या गांव में बादल फटने से क्षेत्र में व्यापक तबाही हुई है। दो ग्रामीणों के पक्के घरों में दरार के साथ कुछ की छतें उड़ गई। वहीं दर्जनों ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि, फलदार वृक्ष व फसलें भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गई। आसपास के गांवों में बारिश न होने के बावजूद बादल फटने से नदी-गधेरे उफना गए। इससे ग्रामीण दहशत में है। स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों ने सूचना दी।
रविवार को दोपहर बाद करीब ढाई से तीन बजे के बीच ग्राम सिमलकन्या के तोक भेटी डियारखोली तेज वर्षा के साथ अचानक बादल फट गया। इससे बसासत से कुछ दूरी पर ग्रामीणों की करीब दो एकड़ से अधिक भूमि बह गई। खेतों में खड़े माल्टा, नींबू, संतरा, अनार व अमरूद के फलदार वृक्ष तथा बोई गई सब्जियां भूकटाव की जद में आ गई। ग्राम प्रधान तारी देवी के अनुसार भेटीडियारखोली में करीब ढाई बजे से आधे घंटे की मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अचानक एक ही जगह पर हुई बारिश के चलते तेज बहाव ने कई एकड़ जमीन के साथ दर्जनों फलदार वृक्ष भी लील लिए। जलागम द्वारा निर्मित कई डैम भी बाढ़ के साथ बह गये। इससे ग्रामीण प्रेम सिंह पुत्र मोदी सिंह, दिवान राम पुत्र बच्ची राम, पूरन सिंह पुत्र राम सिंह की घरों की छत उड़ गयी। वहीं प्राइमरी पाठशाला जांद सेमलकन्या की छत और नवनिर्मित रसोई घर की छत को भी काफी नुकसान पहुंचा है। तारी देवी ने प्रशासन से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है। स्थानीय निवासी एवं यूथ कांग्रेस के जिला सचिव मदन नौलिया ने बताया कि अचानक बादल फटने की घटना से क्षेत्र में जमीन, फलदार वृक्ष व फसलों की व्यापक तबाही हुई है। घटना के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और एसडीएम धारी को फोन पर सूचना देकर मदद की मांग की गई। बादल फटने की घटना से मोहन सिंह कुंवर व हेतराम के मकानों में दरार आई है। जबकि आन सिंह, रणजीत सिंह, तारा सिंह, कैलाश, भूपाल सिंह, रतन सिंह भानु, प्रताप सिंह, देव सिंह, डिकर सिंह सहित तमाम किसानों की कई एकड़ जमीन और कई फसल भी बह गयी।
इधर पटवारी आन्नद सिंह बिष्ट ने बादल फटने की जानकारी न होने व दोपहर ढाई बजे से क्षेत्र में लगातार बारिश की बात कही।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
- समीपवर्ती गांवों के नदी नाले भी उफनाए
- कई एकड़ जमीन, फलदार वृक्ष व फसलें बही, दो मकानों में दरार
भीमताल: विकासखण्ड ओखलकाण्डा के सिमलकन्या गांव में बादल फटने से क्षेत्र में व्यापक तबाही हुई है। दो ग्रामीणों के पक्के घरों में दरार के साथ कुछ की छतें उड़ गई। वहीं दर्जनों ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि, फलदार वृक्ष व फसलें भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गई। आसपास के गांवों में बारिश न होने के बावजूद बादल फटने से नदी-गधेरे उफना गए। इससे ग्रामीण दहशत में है। स्थानीय प्रशासन को ग्रामीणों ने सूचना दी।
रविवार को दोपहर बाद करीब ढाई से तीन बजे के बीच ग्राम सिमलकन्या के तोक भेटी डियारखोली तेज वर्षा के साथ अचानक बादल फट गया। इससे बसासत से कुछ दूरी पर ग्रामीणों की करीब दो एकड़ से अधिक भूमि बह गई। खेतों में खड़े माल्टा, नींबू, संतरा, अनार व अमरूद के फलदार वृक्ष तथा बोई गई सब्जियां भूकटाव की जद में आ गई। ग्राम प्रधान तारी देवी के अनुसार भेटीडियारखोली में करीब ढाई बजे से आधे घंटे की मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अचानक एक ही जगह पर हुई बारिश के चलते तेज बहाव ने कई एकड़ जमीन के साथ दर्जनों फलदार वृक्ष भी लील लिए। जलागम द्वारा निर्मित कई डैम भी बाढ़ के साथ बह गये। इससे ग्रामीण प्रेम सिंह पुत्र मोदी सिंह, दिवान राम पुत्र बच्ची राम, पूरन सिंह पुत्र राम सिंह की घरों की छत उड़ गयी। वहीं प्राइमरी पाठशाला जांद सेमलकन्या की छत और नवनिर्मित रसोई घर की छत को भी काफी नुकसान पहुंचा है। तारी देवी ने प्रशासन से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है। स्थानीय निवासी एवं यूथ कांग्रेस के जिला सचिव मदन नौलिया ने बताया कि अचानक बादल फटने की घटना से क्षेत्र में जमीन, फलदार वृक्ष व फसलों की व्यापक तबाही हुई है। घटना के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और एसडीएम धारी को फोन पर सूचना देकर मदद की मांग की गई। बादल फटने की घटना से मोहन सिंह कुंवर व हेतराम के मकानों में दरार आई है। जबकि आन सिंह, रणजीत सिंह, तारा सिंह, कैलाश, भूपाल सिंह, रतन सिंह भानु, प्रताप सिंह, देव सिंह, डिकर सिंह सहित तमाम किसानों की कई एकड़ जमीन और कई फसल भी बह गयी।
इधर पटवारी आन्नद सिंह बिष्ट ने बादल फटने की जानकारी न होने व दोपहर ढाई बजे से क्षेत्र में लगातार बारिश की बात कही।
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