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रुद्रपुर : बहुउद्देशीय शिविर में विकलांग आशीष खन्ना ने खुद्दारी दिखाते हुए पेंशन का प्रस्ताव ठुकरा दिया। उसने इसके बजाय कंप्यूटर सेंटर चलाने के लिए भवन उपलब्ध कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने उसे दुकान मुहैया कराने की घोषणा की।
शहर की गांधी कालोनी निवासी आशीष का जन्म से ही शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता। दैनिक कार्यो के लिए उसे भाइयों की मदद लेनी पड़ती है। शिविर में जब उसने स्वयं के विकलांग होने की बात की तो निशंक ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को उसे विकलांग पेंशन देने के निर्देश दिए। आशीष ने कहा कि उसके पिता कहते हैं कि खुद इतने सक्षम बनो सरकारी सहायता का मुंह न देखना पड़े। उसे पेंशन नहीं चाहिए। आशीष ने कहा कि वह कंप्यूटर सेंटर चलाता है। उसके पास दो कमरें हैं, लेकिन सीखने वाले 60 बच्चे हैं। दो कमरों में गुजारा नहीं होता। वह चाहता है कि सेंटर चलाने के लिए उसे भवन मुहैया कराया जाए। निशंक ने कहा कि वह उसके स्वाभिमानी जज्बे की कदर करते हैं। साथ ही उन्होंने ईओ से आशीष को दो माह के भीतर दुकान उपलब्ध कराने को कहा।
शहर की गांधी कालोनी निवासी आशीष का जन्म से ही शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता। दैनिक कार्यो के लिए उसे भाइयों की मदद लेनी पड़ती है। शिविर में जब उसने स्वयं के विकलांग होने की बात की तो निशंक ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को उसे विकलांग पेंशन देने के निर्देश दिए। आशीष ने कहा कि उसके पिता कहते हैं कि खुद इतने सक्षम बनो सरकारी सहायता का मुंह न देखना पड़े। उसे पेंशन नहीं चाहिए। आशीष ने कहा कि वह कंप्यूटर सेंटर चलाता है। उसके पास दो कमरें हैं, लेकिन सीखने वाले 60 बच्चे हैं। दो कमरों में गुजारा नहीं होता। वह चाहता है कि सेंटर चलाने के लिए उसे भवन मुहैया कराया जाए। निशंक ने कहा कि वह उसके स्वाभिमानी जज्बे की कदर करते हैं। साथ ही उन्होंने ईओ से आशीष को दो माह के भीतर दुकान उपलब्ध कराने को कहा।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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