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पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि सात-आठ हजार लोग उनके साथ अनशन करेंगे, लेकिन रामलीला मैदान से मिल रही खबरों के मुताबिक उनके समर्थकों की संख्या इससे बहुत ज्यादा है।
एक अनुमान के अनुसार इस वक्त लगभग 30 हजार लोग रामलीला मैदान में मौजूद हैं, और लोगों के आने का सिलसिला जारी है। कई लोग अपने बिस्तर, तकिया, और खाने-पीने के सामान के साथ रामलीला मैदान पहुंचे हैं।
इतनी तादाद में लोगों के आने के कारण सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं। रामदेव के साथ साध्वी ऋतंभरा के अलावा सिख, जैन और मुस्लिम समुदाय के कई धार्मिक नेता और रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में जमा बाबा के समर्थकों ने भी अनशन की शुरूआत की।
अनशन शुरू करने से पहले बाबा रामदेव ने भजन और योग सत्र का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि यह विरोध प्रदर्शन देश को भ्रष्टाचार से बचाने और गरीबों को बेहतर जीवन देने के लिए है।
भगवा वस्त्र पहने बाबा रामदेव सुबह चार बजकर 50 मिनट पर मंचासीन हुए। उन्होंने विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश वापस लाने की माग पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ असंभव नहीं हैं। सब कुछ संभव है और हम जरूर जीतेंगे।
गौरतलब है कि योगगुरु रामदेव को अनशन से रोकने की सरकारी कोशिशें नाकाम रहीं। तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे की मैराथन बैठक और सरकार की तरफ से लिखित मसौदे के बावजूद दोनों पक्षों में बात मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन विदेशों में जमा काले धन पर अध्यादेश लाने समेत कुछ मसलों पर सरकार के रुख को बाबा ने नाकाफी बताकर अनशन रद करने का आग्रह खारिज कर दिया। बैठक से निकलते ही बाबा ने सरकार के प्रस्ताव से असंतुष्टि जताई और शनिवार से सत्याग्रह का एलान कर दिया।
सरकार ने एक दिन में सभी मुद्दों पर निपटारा असंभव बताया और बातचीत को सार्थक बताते हुए कहा कि अभी स्वामी जी से बात जारी रहेगी। उम्मीद है कि देर रात या तड़के रामदेव के साथ सरकार के मंत्रियों की एक चरण और वार्ता हो। रामदेव ने भी वार्ता से इंकार नहीं किया और अपने समर्थकों से शांति और अनुशासन की अपील करते हुए कहा कि बातचीत बहुत अच्छी हो रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर निर्णायक मोड़ तक बात पहुंचना बाकी है।
हालांकि उन्होंने एक शर्त रख दी है कि अब वह बातचीत करने कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने एलान किया कि मांगे न माने जाने तक वह रामलीला मैदान से हिलेंगे नहीं।
इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मुलाकात कर उन्हें रामदेव प्रकरण पर भी जानकारी दी। खास बात है कि जहां अनशन टलवाने की निर्णायक वार्ता असफल होने के बावजूद सरकार खासी सतर्क है, वहीं बाबा रामदेव के सुरों में भी सरकार के प्रति तल्खी नहीं है। राजधानी के एक होटल में करीब पांच घंटे तक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पवन बंसल और सुबोधकांत सहाय की बाबा के साथ वार्ता हुई। बैठक के बाद रामदेव राजघाट गए और वहां से रामलीला मैदान में अपने समर्थकों के बीच सरकार की तरफ से पेश किया गया समझौता पढ़ा। चार बार सरकार की तारीफ भी की, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति हुए बगैर सत्याग्रह और अनशन से पीछे न हटने का संकल्प लिया।
वहीं तीनों मंत्री पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिले। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को पूरी जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, काले धन पर अध्यादेश लाने और कुछ मसलों पर समयसीमा और सजा तय करने की मांगों को मानने में सरकार के सामने दिक्कत है। बातचीत के दौरान सिब्बल ने बाबा से कहा भी कि एक ही दिन में सारी बातें मानना मुश्किल है।
रामदेव ने कहा कि मैं आज सभी मुद्दों पर बात नहीं करूंगा। एक साजिश थी मगर वह विफल हो गई। वह साजिश क्या थी उसके बारे में मैं आज नहीं कहूंगा। उसके बारे में मैं सही समय आने पर बोलूंगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन से भारत को क्या हासिल होगा? भारत अब बच जाएगा। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी कि वे सभी सरकारी 'प्रोफेशनल कॉलेजों' में अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेंगे।
बाबा रामदेव के साथ मंच पर बैठी साध्वी ऋतंभरा ने वहा जमा लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वल्लभ भाई पटेल जैसे अन्य लोग होते तो संन्यासियों को सत्याग्रह करने की जरूर नहीं होती।
रामदेव ने बड़े ही खुशमिजाज अंदाज में अपने समर्थकों से बात करते हुए कहा कि इस अनशन से उन्हें सिर्फ दो दिनों में लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे मोटे भाई और मोटी बहनों को इस सत्याग्रह से स्वास्थ्य लाभ होगा और देश को धन का। जब एक समर्थक ने बाबा को 11 लाख रुपये का चेक दिया तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि तस्वीरें ले लीजिए यह काला धन नहीं है।
रामलीला मैदान में किसी तरह की अवाछित घटना से बचने के लिए वहा बड़ी संख्या में पुलिस बलों के साथ-साथ त्वरित कार्य बल की महिला कर्मियों को भी तैनात किया गया है। रामलीला मैदान में प्रवेश करने वालों की तलाशी भी ली जा रही है।
काले धन को वापस लाने और देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव की हर बात पर उनके समर्थकों ने जमकर तालिया बजाईं। रामलीला मैदान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग भी अपने परिधान में मौजूद थे।
बाबा रामदेव ने जैसे ही अनशन जारी रखने का एलान किया, रामलीला मैदान भारत माता की जयकार से गूंज उठा। ऐसा लगा मानो अनशन जारी रखने के फैसले मात्र से बाबा की जीत हो गई हो। तमाम स्त्री-पुरुष खुशी से झूमने-नाचने लगे। अनशन स्थल विशालकाय मेले में तब्दील हो गया है।
सफाई-सुरक्षा के इंतजाम
नगर निगम की तरफ से सौ सफाईकर्मी और कूड़ा उठाने के लिए 15 ट्रक लगाए गए हैं। कई एंबुलेंस भी खड़ी कर दी गई हैं। बाबा के समर्थकों को मच्छरों से बचाने के लिए फागिंग के भी इंतजाम हैं। एक मिनी अस्पताल भी तैयार हो गया हैं। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर इलाज के सभी जरूरी उपकरण हैं। सुरक्षा के कड़े प्रबंध के लिए जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है वहीं खाने पीने, सोने, शौचालय आदि की भी व्यवस्था हो गई है। यहां आने वाले लोगों के लिए बाबा की टीम ने भी पुख्ता प्रबंध किए हैं। सुरक्षा जांच के बाद अनशन समर्थक अपने-अपने राज्यों के स्टॉल पर पहुंच कर रजिस्ट्रेशन कराते हैं। ऐसे लोगों की संख्या पांच हजार तक पहुंच चुकी है।
समर्थकों में छात्र और विधायक भी
बाबा के स्वयंसेवकों में हर वर्ग और तबके के लोग हैं। इनमें इंजीनियर, डाक्टर और एमबीए डिग्री धारी है। बाबा का साथ देने के लिए पानीपत की एमबीए छात्रा अनीता शर्मा भी आई हैं तो मॉस कम्यूनिकेशन की छात्रा सुषमा मलिक भी। कन्नौज से 15 एमबीए छात्र एक दल बनाकर आए हैं।
पहले अन्ना हजारे और अब बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अनशन की शुरुआत कर दी है। शनिवार से शुरू हुए बाबा रामदेव के अनशन के पहले दिन की शुरूआत भजनों और योग के साथ हुई। देश में फैले भ्रष्टाचार और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में योग गुरु बाबा रामदेव का अनशन शनिवार सुबह सात बजे से शुरू हो गया। बाबा के समर्थन में रामलीला मैदान में भारी संख्या में लोग मौजूद हैं और लोगों के आने का सिलसिला लगातार जारी है।
अनशन की शुरूआत करने से पहले सुबह पांच बजे के आस पास ही बाबा रामदेव मंच पर आ गए और पांच से सात बजे तक उन्होंने अपने समर्थकों को योग सिखाया। बाबा रामदेव शुक्रवार की रात मंच पर ही सोए थे।
बाबा के समर्थक शक्रवार से ही यहा पहुंचने लगे थे। बड़ी संख्या में लोगों ने पंडाल में ही रात गुजारी। लोग अपने साथ रहने का पूरा सामान लेकर आए हैं। रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में वॉलंटियर तैनात किए गए हैं, ताकी किसी को भी कोई परेशानी ना हो
देश के कोने-कोने से दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे बाबा रामदेव के हज़ारों समर्थक भी उनके साथ अनशन में हिस्सा ले रहें हैं। पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि सात-आठ हजार लोग उनके साथ अनशन करेंगे, लेकिन रामलीला मैदान से मिल रही खबरों के मुताबिक उनके समर्थकों की संख्या इससे बहुत ज्यादा है।
एक अनुमान के अनुसार इस वक्त लगभग 30 हजार लोग रामलीला मैदान में मौजूद हैं, और लोगों के आने का सिलसिला जारी है। कई लोग अपने बिस्तर, तकिया, और खाने-पीने के सामान के साथ रामलीला मैदान पहुंचे हैं।
इतनी तादाद में लोगों के आने के कारण सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं। रामदेव के साथ साध्वी ऋतंभरा के अलावा सिख, जैन और मुस्लिम समुदाय के कई धार्मिक नेता और रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में जमा बाबा के समर्थकों ने भी अनशन की शुरूआत की।
अनशन शुरू करने से पहले बाबा रामदेव ने भजन और योग सत्र का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि यह विरोध प्रदर्शन देश को भ्रष्टाचार से बचाने और गरीबों को बेहतर जीवन देने के लिए है।
भगवा वस्त्र पहने बाबा रामदेव सुबह चार बजकर 50 मिनट पर मंचासीन हुए। उन्होंने विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश वापस लाने की माग पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ असंभव नहीं हैं। सब कुछ संभव है और हम जरूर जीतेंगे।
गौरतलब है कि योगगुरु रामदेव को अनशन से रोकने की सरकारी कोशिशें नाकाम रहीं। तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ पांच घंटे की मैराथन बैठक और सरकार की तरफ से लिखित मसौदे के बावजूद दोनों पक्षों में बात मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन विदेशों में जमा काले धन पर अध्यादेश लाने समेत कुछ मसलों पर सरकार के रुख को बाबा ने नाकाफी बताकर अनशन रद करने का आग्रह खारिज कर दिया। बैठक से निकलते ही बाबा ने सरकार के प्रस्ताव से असंतुष्टि जताई और शनिवार से सत्याग्रह का एलान कर दिया।
सरकार ने एक दिन में सभी मुद्दों पर निपटारा असंभव बताया और बातचीत को सार्थक बताते हुए कहा कि अभी स्वामी जी से बात जारी रहेगी। उम्मीद है कि देर रात या तड़के रामदेव के साथ सरकार के मंत्रियों की एक चरण और वार्ता हो। रामदेव ने भी वार्ता से इंकार नहीं किया और अपने समर्थकों से शांति और अनुशासन की अपील करते हुए कहा कि बातचीत बहुत अच्छी हो रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर निर्णायक मोड़ तक बात पहुंचना बाकी है।
हालांकि उन्होंने एक शर्त रख दी है कि अब वह बातचीत करने कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने एलान किया कि मांगे न माने जाने तक वह रामलीला मैदान से हिलेंगे नहीं।
इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से मुलाकात कर उन्हें रामदेव प्रकरण पर भी जानकारी दी। खास बात है कि जहां अनशन टलवाने की निर्णायक वार्ता असफल होने के बावजूद सरकार खासी सतर्क है, वहीं बाबा रामदेव के सुरों में भी सरकार के प्रति तल्खी नहीं है। राजधानी के एक होटल में करीब पांच घंटे तक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पवन बंसल और सुबोधकांत सहाय की बाबा के साथ वार्ता हुई। बैठक के बाद रामदेव राजघाट गए और वहां से रामलीला मैदान में अपने समर्थकों के बीच सरकार की तरफ से पेश किया गया समझौता पढ़ा। चार बार सरकार की तारीफ भी की, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति हुए बगैर सत्याग्रह और अनशन से पीछे न हटने का संकल्प लिया।
वहीं तीनों मंत्री पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिले। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को पूरी जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, काले धन पर अध्यादेश लाने और कुछ मसलों पर समयसीमा और सजा तय करने की मांगों को मानने में सरकार के सामने दिक्कत है। बातचीत के दौरान सिब्बल ने बाबा से कहा भी कि एक ही दिन में सारी बातें मानना मुश्किल है।
रामदेव ने कहा कि मैं आज सभी मुद्दों पर बात नहीं करूंगा। एक साजिश थी मगर वह विफल हो गई। वह साजिश क्या थी उसके बारे में मैं आज नहीं कहूंगा। उसके बारे में मैं सही समय आने पर बोलूंगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन से भारत को क्या हासिल होगा? भारत अब बच जाएगा। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी कि वे सभी सरकारी 'प्रोफेशनल कॉलेजों' में अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकेंगे।
बाबा रामदेव के साथ मंच पर बैठी साध्वी ऋतंभरा ने वहा जमा लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वल्लभ भाई पटेल जैसे अन्य लोग होते तो संन्यासियों को सत्याग्रह करने की जरूर नहीं होती।
रामदेव ने बड़े ही खुशमिजाज अंदाज में अपने समर्थकों से बात करते हुए कहा कि इस अनशन से उन्हें सिर्फ दो दिनों में लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे मोटे भाई और मोटी बहनों को इस सत्याग्रह से स्वास्थ्य लाभ होगा और देश को धन का। जब एक समर्थक ने बाबा को 11 लाख रुपये का चेक दिया तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि तस्वीरें ले लीजिए यह काला धन नहीं है।
रामलीला मैदान में किसी तरह की अवाछित घटना से बचने के लिए वहा बड़ी संख्या में पुलिस बलों के साथ-साथ त्वरित कार्य बल की महिला कर्मियों को भी तैनात किया गया है। रामलीला मैदान में प्रवेश करने वालों की तलाशी भी ली जा रही है।
काले धन को वापस लाने और देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रामदेव की हर बात पर उनके समर्थकों ने जमकर तालिया बजाईं। रामलीला मैदान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग भी अपने परिधान में मौजूद थे।
बाबा रामदेव ने जैसे ही अनशन जारी रखने का एलान किया, रामलीला मैदान भारत माता की जयकार से गूंज उठा। ऐसा लगा मानो अनशन जारी रखने के फैसले मात्र से बाबा की जीत हो गई हो। तमाम स्त्री-पुरुष खुशी से झूमने-नाचने लगे। अनशन स्थल विशालकाय मेले में तब्दील हो गया है।
सफाई-सुरक्षा के इंतजाम
नगर निगम की तरफ से सौ सफाईकर्मी और कूड़ा उठाने के लिए 15 ट्रक लगाए गए हैं। कई एंबुलेंस भी खड़ी कर दी गई हैं। बाबा के समर्थकों को मच्छरों से बचाने के लिए फागिंग के भी इंतजाम हैं। एक मिनी अस्पताल भी तैयार हो गया हैं। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर इलाज के सभी जरूरी उपकरण हैं। सुरक्षा के कड़े प्रबंध के लिए जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है वहीं खाने पीने, सोने, शौचालय आदि की भी व्यवस्था हो गई है। यहां आने वाले लोगों के लिए बाबा की टीम ने भी पुख्ता प्रबंध किए हैं। सुरक्षा जांच के बाद अनशन समर्थक अपने-अपने राज्यों के स्टॉल पर पहुंच कर रजिस्ट्रेशन कराते हैं। ऐसे लोगों की संख्या पांच हजार तक पहुंच चुकी है।
समर्थकों में छात्र और विधायक भी
बाबा के स्वयंसेवकों में हर वर्ग और तबके के लोग हैं। इनमें इंजीनियर, डाक्टर और एमबीए डिग्री धारी है। बाबा का साथ देने के लिए पानीपत की एमबीए छात्रा अनीता शर्मा भी आई हैं तो मॉस कम्यूनिकेशन की छात्रा सुषमा मलिक भी। कन्नौज से 15 एमबीए छात्र एक दल बनाकर आए हैं।
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