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दीपिका जोशी | नैनीताल : यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियनों के राष्ट्रीय आह्वान पर शुक्रवार को जिलेभर में डेढ़ दर्जन राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व सहकारी बैंकों में कामकाज ठप रहा। बैंक कर्मी निजीकरण व आउट सोर्सिग के विरोध में सड़क पर उतर आए है। हड़ताल के चलते नैनीताल जिले में अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।
फोरम के राष्ट्रीय आह्वान पर विभिन्न बैंकों के कर्मचारी नैनीताल में मल्लीताल स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के समीप एकत्र हुए और इसके बाद नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा केंद्र सरकार बैंकों के निजीकरण पर आमादा है। उन्होंने बैंकों के निजीकरण पर पूरी तरह रोक लगाने तथा आउट सोर्सिग से नियुक्तियों पर विरोध जताया और मृतक आश्रितों व अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग उठाई।
बैंक कर्मियों ने चेताया कि यदि 22 सूत्रीय मांगों पर सार्थक कार्रवाई नहीं की गई तो बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। प्रदर्शन में कर्मचारी नेता कैलाश आर्य, बलबीर सिंह, गिरीश जोशी, यूडी जोशी, पुष्पा तोमर, प्रवीण बिष्ट, उप्रेती, संतोष जोशी, केएन पंत, गोपाल जोशी समेत अन्य बैंक कर्मी शामिल थे। उत्तराखंड बैंक इंपलाइज यूनियन के प्रांतीय महामंत्री प्रवीण साह ने हड़ताल को सफल बताया। उधर स्टेट बैंक मुख्य शाखा के प्रबंधक केएस राणा के मुताबिक हड़ताल से शहर के डेढ़ दर्जन बैंक शाखाओं में करीब साढ़े तीन करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ।
उधर हल्द्वानी में भी राष्ट्रीय आह्वान पर यहां भी सार्वजनिक व ग्रामीण बैंकों की हड़ताल रही। शहर की सभी बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा के परिसर में एकत्र हुए और 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान महेंद्र सिंह बिष्ट, पीएनबी के आईएस भंडारी, एसबीआई के विकास जोशी, पांडे आदि ने साफ कहा कि खंडेलवाल समिति की रिपोर्ट किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं की जाएगी और आउट सोर्सिग भर्ती का पूरा विरोध होगा। इस दौरान दिलीप कपूर, मुकेश गुरुरानी, नवीन चंद्र खुल्बे, ललित पांडे आदि मौजूद थे। कर्मचारियों के अनुसार एक दिन की हड़ताल से शहर की बैंकों में करीब 20 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।
दीपिका जोशी | नैनीताल : यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियनों के राष्ट्रीय आह्वान पर शुक्रवार को जिलेभर में डेढ़ दर्जन राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व सहकारी बैंकों में कामकाज ठप रहा। बैंक कर्मी निजीकरण व आउट सोर्सिग के विरोध में सड़क पर उतर आए है। हड़ताल के चलते नैनीताल जिले में अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।
फोरम के राष्ट्रीय आह्वान पर विभिन्न बैंकों के कर्मचारी नैनीताल में मल्लीताल स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के समीप एकत्र हुए और इसके बाद नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा केंद्र सरकार बैंकों के निजीकरण पर आमादा है। उन्होंने बैंकों के निजीकरण पर पूरी तरह रोक लगाने तथा आउट सोर्सिग से नियुक्तियों पर विरोध जताया और मृतक आश्रितों व अन्य रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग उठाई।
बैंक कर्मियों ने चेताया कि यदि 22 सूत्रीय मांगों पर सार्थक कार्रवाई नहीं की गई तो बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। प्रदर्शन में कर्मचारी नेता कैलाश आर्य, बलबीर सिंह, गिरीश जोशी, यूडी जोशी, पुष्पा तोमर, प्रवीण बिष्ट, उप्रेती, संतोष जोशी, केएन पंत, गोपाल जोशी समेत अन्य बैंक कर्मी शामिल थे। उत्तराखंड बैंक इंपलाइज यूनियन के प्रांतीय महामंत्री प्रवीण साह ने हड़ताल को सफल बताया। उधर स्टेट बैंक मुख्य शाखा के प्रबंधक केएस राणा के मुताबिक हड़ताल से शहर के डेढ़ दर्जन बैंक शाखाओं में करीब साढ़े तीन करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ।
उधर हल्द्वानी में भी राष्ट्रीय आह्वान पर यहां भी सार्वजनिक व ग्रामीण बैंकों की हड़ताल रही। शहर की सभी बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा के परिसर में एकत्र हुए और 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान महेंद्र सिंह बिष्ट, पीएनबी के आईएस भंडारी, एसबीआई के विकास जोशी, पांडे आदि ने साफ कहा कि खंडेलवाल समिति की रिपोर्ट किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं की जाएगी और आउट सोर्सिग भर्ती का पूरा विरोध होगा। इस दौरान दिलीप कपूर, मुकेश गुरुरानी, नवीन चंद्र खुल्बे, ललित पांडे आदि मौजूद थे। कर्मचारियों के अनुसार एक दिन की हड़ताल से शहर की बैंकों में करीब 20 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ।
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