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श्रीनगर : गढ़वाल विवि में बीएड का शिक्षा सत्र एक साल विलंब से चलने के कारण पैदा हुई डबल डिग्री की समस्या से जूझ रहे छात्रों ने बुधवार को कुलसचिव डा. उदय सिंह रावत से वार्ता कर उनके सम्मुख अपनी समस्या रखी। 2009 में कुछ शिक्षण संस्थानों द्वारा न्यायालय में याचिका दायर कर देने से वर्ष 2009-10 से गढ़वाल विवि का बीएड सत्र एक साल विलंब से चल रहा था।
कुलसचिव डॉ. उदय सिंह रावत ने कहा कि विवि ने निर्णय लिया है कि जिस सत्र में छात्र बीएड परीक्षा उत्तीर्ण करेगा, उसी सत्र की उसे डिग्री दी जाएगी। पौड़ी परिसर छात्रसंघ के अध्यक्ष के नेतृत्व में भी छात्र-छात्राओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसी मुद्दे पर कुलसचिव से वार्ता की।
गढ़वाल विवि का बीएड सत्र वर्ष 2009-10 से एक साल विलंब से चलने के कारण छात्र सत्र 2009-10 की बीएड पढ़ाई वर्ष 2010-11 में करते हुए परीक्षा दे रहा था। इससे उन छात्रों के सम्मुख समस्या खड़ी हो गई, जिन्होंने उसी शैक्षणिक सत्र में पीजी की परीक्षा भी दी थी। इससे उनके सामने एक ही साल में दो डिग्रियों की समस्या खड़ी हो गई। पिछले वर्ष इस समस्या के समाधान को लेकर गढ़वाल विवि ने संबंधित छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र जारी कर भी कहा था कि सत्र विलंब से चलने के बाद अलग-अलग डिग्रियां होने के बावजूद उनका वर्ष एक ही है, लेकिन प्रदेश के लोक सेवा आयोग ने इस प्रमाण पत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया। जिसके बाद समस्या के हल को लेकर गढ़वाल विवि ने बीएड का 2011-12 का सत्र शून्य भी घोषित कर दिया। कुलसचिव डा. उदय रावत ने कहा कि जो छात्र 2010-11 में बीएड कर रहा है उसे बीएड की डिग्री 2010-11 की ही मिलेगी। संबंधित बीएड डिग्री के प्रारुप में भी तदानुसार परिवर्तन करने को लेकर विवि विचार कर रहा है।
jagran.yahoo.in से साभार
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