http://garhwalbati.blogspot.com
श्रीनगर : शाश्वत धाम लछमोली और स्वामी अद्वैतानंद सरस्वती के सानिध्य में आयोजित हो रही श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य पूर्ण चंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं को धर्म और जीवन से जुड़े प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि नारी एवं बेटी का सम्मान करने वाला राष्ट्र ही उन्नति करता है।
अदिति केंद्र में आयोजित हो रही कथा को संबोधित करते हुए आचार्य शास्त्री ने कहा कि शरीर की शुद्धि गंगा से, मन की शुद्धि सत्संग से और बुद्धि की शुद्धि स्वस्थ चिंतन से होती है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही सत्संग और धर्माचरण को अपनाने वाले व्यक्ति का जीवन सफल होता है। जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म भी उसी की रक्षा करता है। सनातन धर्म मूल और अनादिकाल से चला आ रहा है। नारी एवं बेटी का सम्मान ही राष्ट्र का सम्मान है, क्योंकि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं। दहेज प्रथा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दहेज लेने और देने वालों की दुर्दशा होती है।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें धर्म का आचरण करते हुए जीवन यापन करने की शिक्षा देती है। श्रद्धालुओं से गौसेवा का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि गाय की सेवा मात्र से ही सभी देवों की पूजा के बराबर पुण्य लाभ मिलता है। कथा के आयोजन में डॉ. अरविंद दरमोड़ा, गणेश डंगवाल, प्रेम बल्लभ नैथानी, जयदेव सड़ाना समेत अन्य श्रद्धालुओं ने योगदान दिया।
अदिति केंद्र में आयोजित हो रही कथा को संबोधित करते हुए आचार्य शास्त्री ने कहा कि शरीर की शुद्धि गंगा से, मन की शुद्धि सत्संग से और बुद्धि की शुद्धि स्वस्थ चिंतन से होती है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही सत्संग और धर्माचरण को अपनाने वाले व्यक्ति का जीवन सफल होता है। जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म भी उसी की रक्षा करता है। सनातन धर्म मूल और अनादिकाल से चला आ रहा है। नारी एवं बेटी का सम्मान ही राष्ट्र का सम्मान है, क्योंकि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं। दहेज प्रथा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दहेज लेने और देने वालों की दुर्दशा होती है।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें धर्म का आचरण करते हुए जीवन यापन करने की शिक्षा देती है। श्रद्धालुओं से गौसेवा का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि गाय की सेवा मात्र से ही सभी देवों की पूजा के बराबर पुण्य लाभ मिलता है। कथा के आयोजन में डॉ. अरविंद दरमोड़ा, गणेश डंगवाल, प्रेम बल्लभ नैथानी, जयदेव सड़ाना समेत अन्य श्रद्धालुओं ने योगदान दिया।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
No comments:
Post a Comment
thank for connect to garhwali bati