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कार्बेट पार्क की सुरक्षा दीवार को तोड़कर जंगली हाथियों ने काश्तकारों की फसलों को तहस-नहस कर डाला है। किसानों ने पार्क प्रशासन पर सुरक्षा दीवार निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य करने का आरोप लगाया है।
कार्बेट नेशनल पार्क की दक्षिणी सीमा पर बसे कुंआखेड़ा, कुंआखेड़ा खदरी, शेरगढ़ खदरी, भिक्कावाला, मीरापुर उत्तर, मीरापुर दक्षिण, घासीवाला, लालबाग, फतेहपुर धारा, कहरीपुर जंगल, कल्लूवाला सहित करीब दो दर्जन गांवों में आजकल जंगलों जानवरों के आतंक से किसान परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि जंगल में चारे पानी की भारी कमी के चलते जानवर हमारे खेतों में आ जाते हैं। पशुओं के लिए लगाये गये हरे चारे और गन्ने की फसल को तहस नहस रहे हैं। किसानों ने वन विभाग पर आरोप लगाया कि सुरक्षा दीवार को बनाते समय वन विभाग ने ठेकेदार से हमसाज होकर दीवार बनवाने में घटिया दर्जे का माल लगवा दिया। इसी कारण सुरक्षा दीवार कई जगहों से टूट गयी। विनोद काला, आनंद सिंह बिष्ट, कैप्टन सुखविंदर सिंह, पूर्व प्रधान मलकीत सिंह, महिमानंद बड़थ्वाल, सोहन सिंह बुड़ाकोटा, मदन सिंह रावत, चौधरी बलजीत सिंह, मदन राणा सहित अनेक किसानों ने कार्बेट पार्क प्रशासन से क्षतिग्रस्त सुरक्षा दीवार की मरम्मत कराये जाने तथा सीमा पर वन रक्षकों की तैनाती करने की मांग की है। उधर, वनाधिकारियों का कहना है कि जंगल में जलौनी लकड़ियां लाने वालों ने दीवार को कई जगहों से जानबूझ कर तोड़ दिया है, ताकि उन्हें लकड़ियां ले जाने में आसानी रहे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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