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रानीखेत: वन पंचायतों को सुदृढ़ बनाने के कार्यो में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए वन विभाग कई योजनाओं से वन पंचायतों को आच्छादित कर रहा है। इसी क्रम में जिले की 2199 वन पंचायतों में से 632 में माइक्रो प्लान तैयार हो चुका है।
वन पंचायतों के सुदृढ़ीकरण के तहत पंचायती वनों में वनीकरण, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता व जल-मृदा संरक्षण के कार्य हो रहे हैं। वहीं रास्ते निर्माण, चरागाह तैयार करने की योजनाएं बन रहीं हैं। यह कार्य माइक्रो प्लान के तहत हो रहे हैं। यह प्लान वन पंचायतें अपनी वन पंचायत की जरूरत के मुताबिक योजनाएं बना रही हैं। इन्हें क्रियान्वित कराने में विभाग बजट उपलब्ध करा रहा है। वन विभाग अल्मोड़ा जनपद में कुल 2199 वन पंचायतें हैं। अल्मोड़ा वन प्रभाग अंतर्गत 797 में से 256 वन पंचायतों का माइक्रो प्लान तैयार हो गया है, जबकि सिविल-सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा की 530 में से 160, अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत की 624 में से 150 तथा अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रामनगर की 248 में से 66 वन पंचायतों का माइक्रो प्लान तैयार कर लिए गए हैं। अन्य वन पंचायतों में भी माइक्रो प्लान तैयार करने का काम चल रहा है। माइक्रो प्लान आने से वन पंचायतों की यह शिकायत बंद हो जाएगी कि उन पर विभाग योजनाएं थोप रहा है।
इसके अलावा बैंबू मिशन योजना की प्रमुखता से चल रही है। अल्मोड़ा वन प्रभाग में 20 वन पंचायतों, अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत की 8 व अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रामनगर की 9 वन पंचायतों में बैम्बू मिशन योजना के कार्य चल रहे हैं। कई वन पंचायतों में कैम्पा योजना, एफडीए योजना व मनरेगा के तहत कार्यो को अंजाम दिया जा रहा है। इन योजनाओं पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। जिससे उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में वन पंचायतें सुदृढ़ व विकसित स्थिति में सामने आएंगी।
वन पंचायतों के सुदृढ़ीकरण के तहत पंचायती वनों में वनीकरण, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता व जल-मृदा संरक्षण के कार्य हो रहे हैं। वहीं रास्ते निर्माण, चरागाह तैयार करने की योजनाएं बन रहीं हैं। यह कार्य माइक्रो प्लान के तहत हो रहे हैं। यह प्लान वन पंचायतें अपनी वन पंचायत की जरूरत के मुताबिक योजनाएं बना रही हैं। इन्हें क्रियान्वित कराने में विभाग बजट उपलब्ध करा रहा है। वन विभाग अल्मोड़ा जनपद में कुल 2199 वन पंचायतें हैं। अल्मोड़ा वन प्रभाग अंतर्गत 797 में से 256 वन पंचायतों का माइक्रो प्लान तैयार हो गया है, जबकि सिविल-सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा की 530 में से 160, अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत की 624 में से 150 तथा अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रामनगर की 248 में से 66 वन पंचायतों का माइक्रो प्लान तैयार कर लिए गए हैं। अन्य वन पंचायतों में भी माइक्रो प्लान तैयार करने का काम चल रहा है। माइक्रो प्लान आने से वन पंचायतों की यह शिकायत बंद हो जाएगी कि उन पर विभाग योजनाएं थोप रहा है।
इसके अलावा बैंबू मिशन योजना की प्रमुखता से चल रही है। अल्मोड़ा वन प्रभाग में 20 वन पंचायतों, अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत की 8 व अतिरिक्त भूमि संरक्षण वन प्रभाग रामनगर की 9 वन पंचायतों में बैम्बू मिशन योजना के कार्य चल रहे हैं। कई वन पंचायतों में कैम्पा योजना, एफडीए योजना व मनरेगा के तहत कार्यो को अंजाम दिया जा रहा है। इन योजनाओं पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। जिससे उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में वन पंचायतें सुदृढ़ व विकसित स्थिति में सामने आएंगी।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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