पिछले चार दिनों से लगातार हो रही भारी वर्षा व बागेश्वर के सुमगढ़, अल्मोड़ा के बल्टा व देवली की घटनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी ने गुरुवार को सभी विद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए थे।
लेकिन प्रदेश के कुछ इलाको में निजी विद्यालयों की निरंकुशता इतनी बढ़ गयी है की अब वह डीएम तक के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अनेक निजी विद्यालयों ने स्कूल बंद करने के आदेश होने के बावजूद स्कूलो को खोला।
जहाँ कुछ विद्यालयों ने जिलाधिकारी के आदेश को स्वीकार किया तो कुछ ने आदेश हुक्मअदुली कर अपने आपको प्रशासन से ऊपर दिखाने की कोशिश की।
नगर के अनेक विद्यालय प्रात: तो खुले, जिनमे अधिकांश ने बच्चों को वापस घर भेज दिया, लेकिन खत्याड़ी स्थित होली एंजिल व आर्मी स्कूल खुले रहे। जबकि जिला शिक्षाधिकारी ने जिलाधिकारी के आदेश से जिले के सभी विद्यालयों को अवगत करा दिया था। इस मसले पर जिला शिक्षाधिकारी राम हरिओम चतुर्वेदी का कहना है कि जिन निजी विद्यालयों ने आदेशों की अवहेलना की है, जांच के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
उनका कहना है कि उत्तराखण्ड बोर्ड के विद्यालयों के अतिरिक्त सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड पर जिला शिक्षा विभाग का कोई अंकुश नहीं है। यही कारण है कि वह मनमानी करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह अपने उच्च अधिकारियों से कार्रवाई का आग्रह करेंगे।
इस संदर्भ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव गुरूरानी ने ऐसे विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की मांग की है, जो प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हैं।
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