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हरिद्वार । योगगुरु बाबा रामदेव ने खाद्य सुरक्षा विभाग की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के छह उत्पादों पर आई जांच रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर उसे सरकारी साजिश करार दिया है। उन्होंने विभाग पर बिना तथ्यों और प्रमाण के पतंजलि उत्पादों और खुद की साख को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कानूनी नोटिस भेजने की बात कही। आरोप लगाया कि ये दिल्ली स्थित कांग्रेस के केंद्रीय मुख्यालय के इशारे पर किया गया। कहा कि उनके दो अक्टूबर से एफडीआइ के विरोध में देशभर में शुरू होने जा रहे स्वदेशी आंदोलन को रोकने की नीयत से ऐसा किया है। वर्ष 2011 के जिस एक्ट के तहत खाद्य विभाग ने पतंजलि उत्पादों को मिस-ब्रांडिंग और मिस-लीडिंग का आरोप लगाया है, उसी एक्ट में फरवरी 2013 तक कंपनियों को अपने उत्पादों की नए एक्ट के तहत लेबलिंग कराने का मौका दिया है। ऐसे में समय से पहले पतंजलि के उत्पादों इस तरह का आरोप लगाना कानूनन गलत है। बाबा रामदेव बुधवार शाम पतंजलि योगपीठ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना तथ्य और प्रमाण के इस तरह झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा हमें और हमारे संस्थानों के उत्पादों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। हम इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को कानूनी नोटिस भेजेंगे। एक सवाल के जवाब में बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंड?र्ड्स आथॅरिटी ऑफ इंडिया एक्ट 2006 एफएसएसएआइ को जब लागू किया गया, उस समय तक सभी कंपनियां पहले के प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन एक्ट पीएफए एक्ट का पालन कर रही थीं। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने भी इसी एक्ट का पालन कर उसके अनुरूप अपने उत्पादों के लेबल को प्रिंट कराया था। 2011 में नया कानून लागू हुआ तो व्यवस्था भी बदली। साथ ही नए एक्ट ने कंपनियों को नए कानून और नई व्यवस्था में खुद को ढालने के लिए 4 फरवरी 2013 तक का समय दिया। हमने अब तक अपने 95 प्रतिशत उत्पादों की लेबलिंग में नए कानून के हिसाब से बदलाव कर दिया है, बाकी पर काम चल रहा है। अभी भी हमारे पास 4 महीने से अधिक का समय है। ऐसे में समय से पहले हम पर अनर्गल आरोप लगाने की वजह क्या है, वह भी तब जब हमारे उत्पाद गुणवत्ता की कसौटी पर उनकी ही जांच में खरे उतरे हों। कहाकि हम इसके खिलाफ बहुत जल्द विभाग को कानूनी नोटिस भेजेंगे और क्षतिपूर्ति की मांग करेंगे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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