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पौड़ी: 15 मीटर लंबे चीड़ के चिकने तने पर पत्ती लूटने के लिए जोर आजमाइश करते ग्रामीण और साथ में हौसलाअफजाई करते लोग पत्ती मेले के उत्साह को कई गुना बढ़ा रहे थे। प्रकृति के बीच प्रकृति का मेला निश्चित तौर पर खुशहाली की कहानी बयां कर रहा था। बीरोंखाल ब्लॉक की ग्राम सभा सुकई के कुंज तलिया में पहली दफा पत्ती मेले का आयोजन किया गया। पहली दफा क्षेत्र में आयोजित मेले में सैकडों की संख्या में ग्रामीण उमड़े।
राजराजेश्वरी मंदिर समिति की ओर से पहली बार आयोजित पत्ती मेले में हालांकि कोई भी ग्रामीण पत्ती नहीं लूट सका, लेकिन दिन भर मेले में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। समिति के अध्यक्ष हर्षपाल बंगारी ने बताया कि पत्ती मेले से पूर्व मंदिर में दो दिन तक जागरण और भजन संध्या का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सूर्यास्त तक भी पत्ती नहीं लूटने पर मंदिर समिति ने पत्ती को नीचे उतारकर ग्रामीणों में प्रसाद स्वरूप बांट दिया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सूर्यकांत धस्माना मौजूद थे। इसके अलावा थलीसैंण ब्लॉक के कैंयूर में भी पत्ती मेले का आयोजन किया गया।
क्या है पत्ती मेला
चीड़े के लंबे पेड़ के सारे तने काटकर उसे लंबे डंडे में तब्दील कर दिया जाता है। इस डंडे पर तेल और सेमल की मदद से चिकनाई पैदा की जाती है। इसके सबसे ऊपरी सिरे पर स्थानीय उत्पाद जैसे अखरोट, चूड़ा और अनाज को बांध दिया जाता है, जिसे पत्ती कहा जाता है। जो भी व्यक्ति पत्ती लूटता है, वह विजेता घोषित किया जाता है।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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