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राजेश शर्मा | हरिद्वार प्रशासन ने शासन से भगीरथ बिंदु से हरकी पैड़ी तक गंगा की अविच्छिन्न धारा में गंगा जल लाने के लिए अविच्छिन्न धारा में खनन की अनुमति मांगी है। जिला प्रशासन ने बताया कि सोमवार तक अनुमति मिलने की उम्मीद है। विधानसभा चुनावों के पहले अविच्छिन्न धारा का मुद्दा काफी अहम हो गया है। भावी कांग्रेसी प्रत्याशी को इस मुद्दे पर राजनीति करते देख भाजपा भी बेहद सक्रिय हो उठी है।
कांग्रेस द्वारा अविच्छिन्न धारा तथा खड़खड़ी श्मशान घाट के मुद्दे पर करीब दो महीनों से भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की जा रही है। एक बार फिर से तीन फरवरी से संतों को आगे कर आंदोलन शुरू किया जा रहा है। इसे देखते हुए भाजपा भी सक्रिय हो गई है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि अविच्छिन्न धारा तब तक साफ नहीं हो सकती, जब तक कि बड़े पैमाने पर पत्थर निकालने का काम प्रारंभ न कर दिया जाए। इस धारा में दोनों ओर छोटी नहर बनाकर जल लाने का प्रयास विफल रहा। उन्होंने स्वयं इस संबंध में स्वयं शासन से संपर्क साधा। बताया कि प्रदेश के प्रमुख खनन सचिव शीघ्र ही अविच्छिन्न धारा में खनन की अनुमति प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अविच्छिन्न धारा में डोजरों के माध्यम से गहरी खुदाई की जाएगी, ताकि भगीरथ बिंदु से जल खड़खड़ी श्मशान से होते हुए हरकी पैड़ी तक ले जाया जा सके। अब चूंकि कोटेश्वर बांध से भी भागीरथी का जल छोड़ दिया गया है, अतः अविच्छिन्न धारा को अतिशीघ्र जल उपलब्ध हो जाएगा। माघ मेले के लिए नीलधारा में जल छोड़ना भी आवश्यक है। डीएम आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उम्मीद है कि सोमवार तक अनुमति मिल जाएगी और गंगा से पत्थर निकालकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क निर्माण के लिए दे दिया जाएगा।
कांग्रेस द्वारा अविच्छिन्न धारा तथा खड़खड़ी श्मशान घाट के मुद्दे पर करीब दो महीनों से भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की जा रही है। एक बार फिर से तीन फरवरी से संतों को आगे कर आंदोलन शुरू किया जा रहा है। इसे देखते हुए भाजपा भी सक्रिय हो गई है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि अविच्छिन्न धारा तब तक साफ नहीं हो सकती, जब तक कि बड़े पैमाने पर पत्थर निकालने का काम प्रारंभ न कर दिया जाए। इस धारा में दोनों ओर छोटी नहर बनाकर जल लाने का प्रयास विफल रहा। उन्होंने स्वयं इस संबंध में स्वयं शासन से संपर्क साधा। बताया कि प्रदेश के प्रमुख खनन सचिव शीघ्र ही अविच्छिन्न धारा में खनन की अनुमति प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अविच्छिन्न धारा में डोजरों के माध्यम से गहरी खुदाई की जाएगी, ताकि भगीरथ बिंदु से जल खड़खड़ी श्मशान से होते हुए हरकी पैड़ी तक ले जाया जा सके। अब चूंकि कोटेश्वर बांध से भी भागीरथी का जल छोड़ दिया गया है, अतः अविच्छिन्न धारा को अतिशीघ्र जल उपलब्ध हो जाएगा। माघ मेले के लिए नीलधारा में जल छोड़ना भी आवश्यक है। डीएम आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उम्मीद है कि सोमवार तक अनुमति मिल जाएगी और गंगा से पत्थर निकालकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क निर्माण के लिए दे दिया जाएगा।
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