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Thursday, February 3, 2011

मडुवा, भट्ट, गहत और सोयाबीन से बने कुमाऊं नमकीन





मडुवा, भट्ट, गहत और सोयाबीन से बने कुमाऊं नमकीन
सुदर्शन सिंह रावत | उत्तराखंड पर्वतीय क्षेत्रो की महिलाओं की हर क्षेत्र में बड़ी भागीदारी रही है। यहां सामाजिक व्यवस्था में परिवर्तन करने से लेकर व कई आंदोलनों की शुरुआत करने और उन्हें सफल बनाने का श्रेय भी महिलाओं कि अग्रणी भूमिका रही हैं। जब आर्थिक स्वावलंबन की बात आती है तो पुरुष रोजगार की तलाश में शहरों में पलायन कर जाते है वही महिलाएं घर व खेत खलियान तक ही सीमित होकर रह जाती हैं। अब पहाड़ की महिलाओं में एक मिसाल पिथौरागढ़ जिले के सिलौनी-लांगड़ी गांव की रहने वाली देवकी देवी ने पहाड़ के परंपरागत खाद्य पदार्थों को देशी स्वाद के साथ मडुवा, भट्ट, गहत और सोयाबीन से बने कुमाऊं नमकीन नाम से देवकी ने उत्तराखंड की महिलाओं में एक नई पहचान बना दी है 20 साल पूर्व महज कुछ सौ रुपये से शुरू किया गया यह लघु उद्योग आज लाखों रुपये का कारोबार कर रहा है तथा महानगरों में अप्रवासी जीवन जी रहे और अपनी मिट्टी के साथ यहां के खानपान मडुवा, भट्ट, गहत, सोयाबीन के स्वाद को लगभग भूल चुके ऐसे लोगों के लिए कुमाऊं नमकीन किसी तोहफे से कम नहीं है जिसमें केवल पहाड़ के परंपरागत अनाजों को तरजीह दी गई है। शुरू - शुरू में देवकी देवी को काफी परेशानी उठानी पड़ी गांवों से मडुवा, भट्ट, गहत और सोयाबीन लाने लगे नमकीन बनाकर उनके चारों बच्चे कंधे पर झोला टांगकर एक शहर से दूसरे शहर नमकीन बेचते। देखते ही देखते दुकानदारों ने पहाड़ी अनाजों से बनी इस परंपरागत नमकीन को हाथों हाथ लिया और इसे खूब सराहा जाने लगा। कहते हैं कि समय बलवान होता है आज देवकी देवी के पीएचडी और एमबीए कर रहे पुत्रों ने जब इस नमकीन को देश के बड़े शहरों में पहुंचाया तो इसे कई पुरस्कार भी मिले। आज यह लघु उद्योग से देवकी देवी अपने परिवार के अलावा १० अन्य परिवारों को भी रोजगार का माध्यम बन गया है। साथ ही नमकीन में प्रयोग होने वाले पर्वतीय अनाज को उपजाने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहा है देवकी देवी इस प्रयास से आज सीमांत क्षेत्र के उन लोगों में नई उम्मीद जगी है जो रोजगार की तलाश में पलायन को मजबूर होते हैं।देवकी देवी का यह मेहनत उस समय और सुर्खियों आय जब प्रदेश के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' सहित पेयजल एवं श्रम मंत्री प्रकाश पंत, भाजपा अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल, बीना महाराना, अजय टम्टा आदि की मौजूदगी में एक कार्यक्रम के जरिए इसे अंतरराज्यीय बाजार में उतारा गया दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले ट्रेड फेयर में कुमाऊं नमकीन ने काफी ख्याती अर्जित कर ली। कुमाऊं नमकीन को पर्वतीय अनाज के इस्तेमाल में सर्वश्रेष्ठ मानते हुए कई अवार्ड भी मिले हैं। वर्ष २००४ में 'नेशनल माइक्रो इंटरप्रेन्योर अवार्ड' से देश के तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने सम्मानित किया। वर्ष २००५ में जिला उद्योग केन्द्र द्वारा 'सर्वोत्तम लद्घु उद्योग का प्रदत्त अवार्ड' तथा २००८ में उत्तराखण्ड सरकार का प्रतिष्ठित 'तीलू रौतेली' पुरस्कार से समानित किया गया।






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