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सुदर्शन सिंह रावत | उत्तराखण्ड के शैक्षणिक संस्थान भारत और विश्वभर में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ये एशिया के सबसे कुछ सबसे पुराने अभियान्त्रिकी संस्थानों का गृहस्थान रहा है, जैसे रुड़की का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (पूर्व रुड़की विश्वविद्यालय) और पन्तनगर का गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवँ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। इनके अलावा विशेष महत्व के अन्य संस्थानों में, देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी, इक्फ़ाई विश्वविद्यालय, भारतीय वानिकी संस्थान; पौड़ी स्थित गोविन्द बल्लभ पन्त अभियान्त्रिकी महाविद्यालय, और द्वाराहाट स्थित कुमाऊँ अभियान्त्रिकी महाविद्यालय भी हैं।
इन सार्वजनिक संस्थानों के अलावा उत्तराखण्ड में बहुत से निजी संस्थान भी हैं, जैसे ग्राफ़िक एरा संस्थान, देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय एयर हॉस्टेस अकादमी इत्यादि।
उत्तराखण्ड बहुत से जाने-माने दिनी और बोर्डिंग विद्यालयों का घर भी है जैसे दून विद्यालय (देहरादून) सेण्ट जोसफ़ कॉलेज, (नैनीताल), वेल्हम गर्ल्स स्कूल (देहरादून), वेलहम ब्यॉज स्कूल (देहरादून), सेण्ट थॉमस कॉलेज (देहरादून), सेण्ट जोसफ़ अकादमी (देहरादून), वुडस्टॉक स्कूल (मसूरी), बिरला विद्या निकेतन (नैनीताल), भोवाली के निकट सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (देहरादून), द एशियन स्कूल (देहरादून), द हेरिटैज स्कूल (देहरादून), जी डी बिरला मैमोरियल स्कूल (रानीखेत), सेलाकुइ वर्ल्ड स्कूल (देहरादून), वेदारंभ मॉण्टेसरी स्कूल (देहरादून), और शेरवुड कॉलेज (नैनीताल)। बहुत से विदुषकों ने इन विद्यालयों से शिक्षा ग्रहण की जिनमें बहुत से भूतपूर्व प्रधानमन्त्री और अभिनेता इत्यादि भी हैं।
हाल ही के वर्षों में बहुत से निजी संस्थान भी यहाँ खुले हैं जिनके कारण उत्तराखण्ड तकनीकी, प्रबन्धन, और अध्यापन-शिक्षा के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरा है। कुछ उल्लेखनीय संस्थान हैं देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान (देहरादून), अम्रपाली अभियांत्रिकी एवँ प्रौद्योगिकी संस्थान (हल्द्वानी), सरस्वती प्रबन्धन एवँ प्रौद्योगिकी संस्थान (रुद्रपुर), और पाल प्रबन्धन एवँ प्रौद्योगिकी संस्थान (हल्द्वानी)।
एतिहासिक रूप से यह माना जाता है की उत्तराखण्ड वह भूमि है जहाँ पर शास्त्रों और वेदों की रचना की गई थी और महाकाव्य, महाभारत लिखा गया था। ऋषिकेश को व्यापक रूप से विश्व की योग राजधानी माना जाता है।
इन सार्वजनिक संस्थानों के अलावा उत्तराखण्ड में बहुत से निजी संस्थान भी हैं, जैसे ग्राफ़िक एरा संस्थान, देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय एयर हॉस्टेस अकादमी इत्यादि।
उत्तराखण्ड बहुत से जाने-माने दिनी और बोर्डिंग विद्यालयों का घर भी है जैसे दून विद्यालय (देहरादून) सेण्ट जोसफ़ कॉलेज, (नैनीताल), वेल्हम गर्ल्स स्कूल (देहरादून), वेलहम ब्यॉज स्कूल (देहरादून), सेण्ट थॉमस कॉलेज (देहरादून), सेण्ट जोसफ़ अकादमी (देहरादून), वुडस्टॉक स्कूल (मसूरी), बिरला विद्या निकेतन (नैनीताल), भोवाली के निकट सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (देहरादून), द एशियन स्कूल (देहरादून), द हेरिटैज स्कूल (देहरादून), जी डी बिरला मैमोरियल स्कूल (रानीखेत), सेलाकुइ वर्ल्ड स्कूल (देहरादून), वेदारंभ मॉण्टेसरी स्कूल (देहरादून), और शेरवुड कॉलेज (नैनीताल)। बहुत से विदुषकों ने इन विद्यालयों से शिक्षा ग्रहण की जिनमें बहुत से भूतपूर्व प्रधानमन्त्री और अभिनेता इत्यादि भी हैं।
हाल ही के वर्षों में बहुत से निजी संस्थान भी यहाँ खुले हैं जिनके कारण उत्तराखण्ड तकनीकी, प्रबन्धन, और अध्यापन-शिक्षा के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरा है। कुछ उल्लेखनीय संस्थान हैं देहरादून प्रौद्योगिकी संस्थान (देहरादून), अम्रपाली अभियांत्रिकी एवँ प्रौद्योगिकी संस्थान (हल्द्वानी), सरस्वती प्रबन्धन एवँ प्रौद्योगिकी संस्थान (रुद्रपुर), और पाल प्रबन्धन एवँ प्रौद्योगिकी संस्थान (हल्द्वानी)।
एतिहासिक रूप से यह माना जाता है की उत्तराखण्ड वह भूमि है जहाँ पर शास्त्रों और वेदों की रचना की गई थी और महाकाव्य, महाभारत लिखा गया था। ऋषिकेश को व्यापक रूप से विश्व की योग राजधानी माना जाता है।
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