जिले के किच्छा से जसपुर तक के क्षेत्र में 20 दिन से अधिक पुरानी धान की फसल में अनेक स्थानों पर तना छेदक का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने इससे बचाव के लिए कारटप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 25 किग्रा प्रति एकड़ में छिड़काव की सलाह दी है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. सी तिवारी ने बताया कि केंद्र में किच्छा से लेकर जसपुर से काश्तकारों के तना भेदक के प्रकोप को लेकर सूचना मिल रही है। 20 दिन से अधिक की पौध पर यह समस्या आ रही है। कृषि रक्षा अधिकारी वीपी मौर्य ने तनाभेदक से बचाव के लिए काश्तकारों को कारटप या रोपाई के 40-45 दिन बाद फिप्रोनिल 5 एससी एक लीटर या क्लोरोपायरीफास 20 ईसी 1.5 से 2 लीटर 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव की सलाह दी।
तना छेदक में सूडियां हानिकारक होती है। मादा कीट पत्तियों के ऊपर झुंड में अंडे देती है। इसके अलावा वर्तमान में पत्ती लपेटक कीट के भी प्रकोप की आशंका है। इससे बचाव के लिए क्यूनालफास 25 ईसी 1.25 से 1.50 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव से बचा जा सकता है। इसके अलावा वैक्टीरियल लीफ ब्लाइट में भी पत्तियां किनारे से सूखने लगती हैं।
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