प्रदेश के कोटद्वार जिले में आज कल भारत संचार निगम लिमिटेड के अजीबो गरीब कारनामे दिखने को मिल रहे हैं। उपभोक्ता के पास टेलीफोन के कनेक्शन नहीं हैं , फिर भी उन्हें बिल थमाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जिन उपभोक्ताओं के लैंड लाइन फोन 'डेड' हैं, कर्मचारी उन्हें दुरूस्त करने के बजाए उन्हें कनेक्शन काटने की सलाह दे रहे हैं।
ग्राम रतनपुर-सुखरो निवासी बचन सिंह बिष्ट का कसूर मात्र यही है कि उन्होंने वर्ष 2010 में भारत संचार निगम लिमिटेड की कोटद्वार इकाई में नया टेलीफोन कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया। और जमानत राशि पांच सौ रुपये कार्यालय में जमा किए, लेकिन, निगम की 'चुस्त' कार्यप्रणाली देखिए कि उनके घर पर टेलीफोन तो नहीं लग पाया, लेकिन बिल लगातार आ रहे हैं। बिलों में उनका टेलीफोन नंबर 229964 दर्शाया गया है, लेकिन यह नंबर किस उपभोक्ता के घर पर लगा है, इसकी जानकारी न तो बचन सिंह को है और न ही निगम अधिकारियों को।
बचन सिंह की ओर से कई मर्तबा निगम अधिकारियों से बिना टेलीफोन के थमाए जा रहे टेलीफोन बिलों के संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले दिनों ही विभाग की ओर से बचन सिंह को 132।36 की धनराशि का बिल थमाया गया, इसमें 2059.25 की धनराशि पूर्व में बकाया दर्शायी गई है।
निगम कार्यप्रणाली का एक और नमूना नजर आया प्रखंड दुगड्डा के अंतर्गत ग्राम भैड़गाव में। भैड़गांव निवासी अमीना खातून का टेलीफोन नंबर 254243 पिछले करीब पांच माह से 'डेड' पड़ा है। तमाम शिकायतों के बाद भी निगम अधिकारियों की ओर से फोन दुरूस्त करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। अलबत्ता, निगम कर्मियों ने तो अमीना को कनेक्शन कटवाने की सुझाव भी दे दिया गया है। निगम की ओर से लगातार उन्हें बिल भेजे जा रहे हैं, जिन्हें अमीना समय से भुगतान भी कर रही हैं।
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