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पौड़ी: पर्यटन नगरी की ऐतिहासिक रामलीला के दूसरे दिन दर्शकों को एक साथ कई रंग देखने को मिले। रामलीला की शुरुआत झांकी वंदना से शुरु हुई।
रामलीला के दूसरे दिन राक्षसों की ओर से मुनि विश्वामित्र के तपोवन में यज्ञ विध्वंस के मंचन ने जहां दर्शकों में क्रोध भरा तो पुत्र मोह में मुनि के द्वारा राम लक्ष्मण मांगे जाने पर चक्रवर्ती राजा दशरथ का इंकार दर्शकों को अंदर तक करुणा के सागर में भिगो गया। मुनि के यह कहने पर कि राम और लक्ष्मण साक्षात भगवान के अवतार हैं, दशरथ मान गए और पुत्र मोह के बावजूद उन्होंने राजकुमारों को ले जाने की आज्ञा दे दी। इसके बाद ताड़का सुबाहू के साथ राम लक्ष्मण का युद्ध दर्शकों में रोमांच भर गया। जनक के निमंत्रण पर विश्वामित्र का राम लक्ष्मण सहित जनकपुरी जाना व रास्ते में अहिल्या तारण का मंचन देखने को दर्शक देर रात तक ठंड के बावजूद डटे रहे। सीता का सखियों संग गौरी पूजन के लिए जाना और राम लक्ष्मण का उन्हें देखना लोगों को भक्ति और प्रेम में एक साथ रंग गया। विश्वामित्र के किरदार में सुरेंद्र पोखरियाल, राम के किरदार में बिजेंद्र राणा, लक्ष्मण के किरदार में सुदर्शन बिष्ट, सीता में प्रियंका रावत, दशरथ में जगत किशोर बड़थ्वाल, ताड़का में कमल किशोर रावत, सुबाहू में राहुल कुमार, जनक में गौरीशंकर थपलियाल और अहिल्या के किरदार में कंचन नेगी ने अभिनय की छाप छोड़ी। संगीत दिनेश रावत, विनोद रावत, आशुतोष नैथानी, मोहित व हर्षपति रयाल ने दिया।
jagran.com se sabhar
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