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गोपेश्वर। पंचकेदारों में से एक भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को सुबह पांच बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। अब छह माह तक भगवान रुद्रनाथ की पूजा-अर्चना उनके गद्दीस्थल गोेपीनाथ मंदिर में की जाएगी। कपाट बंद होने के अवसर पर रुद्रनाथ पहुंचे श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन कर मनौतियां मांगीं। इस वर्ष 18 मई को प्रात: 5 बजे ब्रह्ममुहुर्त में मंदिर के कपाट खुले थे।
बुधवार को तड़के ही रुद्रनाथ मंदिर में विशेष पूजाएं संपन्न हुईं। कपाट बंद होने के बाद रुद्रनाथ की उत्सव डोली और बजीर की मूर्ति पनार बुग्याल होते हुए देर सांय गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंची। यहां मौजूद श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही देश के विभिन्न हिस्साें से आए श्रद्धालु भी मौजूद थे।
गोपेश्वर। पंचकेदारों में से एक भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को सुबह पांच बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। अब छह माह तक भगवान रुद्रनाथ की पूजा-अर्चना उनके गद्दीस्थल गोेपीनाथ मंदिर में की जाएगी। कपाट बंद होने के अवसर पर रुद्रनाथ पहुंचे श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन कर मनौतियां मांगीं। इस वर्ष 18 मई को प्रात: 5 बजे ब्रह्ममुहुर्त में मंदिर के कपाट खुले थे।
बुधवार को तड़के ही रुद्रनाथ मंदिर में विशेष पूजाएं संपन्न हुईं। कपाट बंद होने के बाद रुद्रनाथ की उत्सव डोली और बजीर की मूर्ति पनार बुग्याल होते हुए देर सांय गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंची। यहां मौजूद श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही देश के विभिन्न हिस्साें से आए श्रद्धालु भी मौजूद थे।
amarujala.com से साभार
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