वर मंदिर में विरामजमान हो गई है। इस अवसर दर्शनों के लिए भारी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहा है। अब शीतकाल के छह माह तक भोले बाबा की पूजा-अर्चना यहीं पर की जाएगी।
गत 28 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट बंद हुए थे। 29 अक्टूबर को दूसरे पड़ाव गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम के बाद आज रविवार को भगवान की उत्सव डोली निशानों के साथ 12 बजे ओमकारेश्वर मंदिर परिसर में प्रवेश किया। ऊषामठ भजन मंडली ने बाबा के भजन गाकर डोली का पुष्पों से भव्य स्वागत किया। मंदिर परिसर में पूर्व से मौजूद मंदिर समिति के अधिकारियों, कर्मचारियों व क्षेत्रीय श्रद्धालुओं के भोले के जयकारों से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। इसके बाद डोली ने ओकारेश्वर मंदिर की तीन परिक्रमा कर पंच गद्दीस्थल ओमकारेश्वर मंदिर में विराजमान हुई। अब भगवान केदारनाथ जी की छह माह तक की पूजा-अर्चना यहीं पर की जायेगी।
इस मौके पर कार्याधिकारी अनिल शर्मा, केदारनाथ के मुख्य पुजारी राजशेखर लिंग, जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट, जिपंस शैलारानी रावत, थानाध्यक्ष पीएस चौहान, प्रभारी तहसीलदार वाई एस रावत, डोली प्रभारी जयपाल सिंह नेगी, वाईएस पुष्पाण, हर्षमणि जमलोकी समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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