रानीखेत: कुमाऊं रेजीमेंट के संग्रहालय के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो गया है। इसे अब नये रूप में लगभग तीन साल के अंतराल बाद फिर जनता के लिए खोला गया है। संग्रहालय में पांच अनुभाग बनाए गए हैं।
रानीखेत में स्थित कुमाऊं रेजीमेंट का संग्रहालय दशकों पुराना है, जिसमें संग्रहीत सैन्य कार्यवाही से संबंधित दुर्लभ सामग्री व उपलब्धियां बताती चीजें रेजीमेंट के गौरवमयी इतिहास व गौरव गाथाओं को बखूबी समझा रही हैं। दर्शकों के लिए संग्रहालय प्रेरणादायी है। इस संग्रहालय का आधुनिक रूप से जीर्णोद्धार करने का काम वर्ष 2008 में शुरू किया गया। इस कारण आम जनता के लिए बंद किया गया था। जीर्णोद्धार का काम पूर्ण हो जाने के बाद करीब 3 साल बाद इसे जनता के दर्शनार्थ खोल दिया गया है। इसे नये तरीके से सुसज्जित किया गया है और 6 अनुभागों में बांटा गया है। पहले अनुभाग में पहले विश्वयुद्ध से लेकर कारगिल युद्ध तक के इतिहास से जुड़े साजो-सामान व उपलब्धि से जुड़ी सामग्री रखी गई है। दूसरे भाग में कुमाऊं रेजीमेंट के बटालियनों के गठन तथा उनके इतिहास से जुड़ी सामग्री, तीसरे भाग में कुमाऊं रेजीमेंट से थल सेनाध्यक्ष पद तक पहुंचे जनरल श्री नगेश, जनरल केएस थिमैया व जनरल टीएन रैना से संबंधित सामग्री सजाई गई है। इसी प्रकार चौथे भाग में खेलकूद व पर्वतारोहण से संबंधित चीजें रखी गई हैं। इसी प्रकार सैन्य गतिविधियों से जुड़ी फोटो, प्रमाण पत्र और अन्य प्रेरणादायी चीजें पांचवें व छठे नये भाग में सुसज्जित की गई हैं। सेना की ओर से इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रयास चल रहा है।
in.jagran.yahoo.com se sabhar











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