राज्य सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में सामने आई अनियमितताओं के 17 मामलों की जांच विजिलेंस (सतर्कता अधिष्ठान) को सौंप दी है। अनियमितताओं की जांच के लिए गठित जांच आयोग ने इन 17 मामलों में लोक सेवक या विभाग के स्तर पर अनियमितता पाई है। सरकार ने विजिलेंस को निर्देश दिए हैं कि जिन मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत लोक सेवकों द्वारा अनियमितता पाई जाए, उनमें उपयुक्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर तमाम घोटालों के आरोप मढ़ते हुए इसे अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था। सत्ता में आने पर भाजपा सरकार ने सितंबर 2007 में एक जांच आयोग गठित कर उसे वर्ष 2002 से लेकर वर्ष 2007 तक कांग्रेस की राज्य सरकार के दौरान के ऐसे मामलों की जांच सौंप दी गई। उस समय शासन ने आयोग को कुल 68 मामले सौंपे, जिनमें से अब तक 60 की जांच पूरी कर ली गई है। इन 60 में से 17 मामलों में लोक सेवक या विभाग के स्तर पर अनियमितता बरते जाने की पुष्टि हुई लेकिन जांच आयोग की रिपोर्ट में किसी लोक सेवक की जिम्मेदारी का निर्धारण स्पष्ट रूप से नहीं किया गया। सरकार ने सोमवार को इन 17 मामलों को विजिलेंस को सौंप दिया।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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