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Wednesday, November 2, 2011

सदन में आपस में भिड़े विधायक

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उत्तराखंड विधानसभा भी अप्रिय स्थिति से रूबरू हुई। जाति प्रमाण पत्र को लेकर मदन कौशिक समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग को लेकर वेल में आए कांग्रेस तथा बसपा के विधायकों व उत्तराखंड क्रांति दल के एक विधायक के बीच झड़प हो गई। हाथापाई की नौबत को किसी तरह रोका गया। हालांकि इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही स्थगित कर चुके थे।

यह मामला आज सदन में तब घटित हुआ जब शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस तथा बसपा के कुछ विधायक कौशिक समिति द्वारा की गई सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर वेल में आए। वे कुछ कागजात व पोस्टर लहराने लगे। सदन अव्यवस्थित देखकर अध्यक्ष हरबंस कपूर ने सदन साढ़े बारह बजे तक स्थगित कर दिया। सदन स्थगित होते ही उत्तराखंड क्रांति दल के विधायक ओमगोपाल रावत ने बसपा के असंबद्ध सदस्य और हाल ही में कांग्रेस की सदस्यता ले चुके काजी निजामुद्दीन के हाथ से कुछ कागज छीनकर फाड़ दिए। इसे लेकर ओमगोपाल रावत, काजी निजामुद्दीन व बसपा के सुरेंद्र राकेश के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। किसी तरह कांग्रेस तथा भाजपा के सदस्यों ने दोनों पक्षों को अलग-अलग कर मामले को शांत कराया।

इसके विरोध में काजी निजामुद्दीन, किशोर उपाध्याय और करन महरा समेत कुछ अन्य विधायक गैलरी में धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्हें समझाने बुझाने की काफी कोशिश की गई। उक्रांद कोटे से कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व विधायक यशपाल आर्य ने आकर काजी निजामुद्दीन से बात की मगर काजी कौशिक समिति की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हुए। बाद में कांग्रेस के उप नेता तिलकराज बेहड़ समेत कई कांग्रेसी विधायकों के अनुरोध पर काजी निजामुद्दीन धरना खत्म कर विधानसभा अध्यक्ष कक्ष में वार्ता के लिए पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर, संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत और कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के अलावा कई कांग्रेसी व ओमगोपाल रावत सहित उक्रांद विधायकों की मौजूदगी में वार्ता हुई।

भोजन अवकाश के बाद कार्यवाही आरंभ होने पर सदन में इस घटना पर संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने खेद जताया। उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सदस्यों से अपेक्षा की कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष डा। हरक सिंह रावत ने कहा कि सदस्य जिम्मेदार नागरिक होते हैं और जनता को उनसे बेहतर आचरण की अपेक्षा होती है। विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर ने यह कहते हुए प्रकरण को समाप्त घोषित कर दिया कि नए राज्य में भविष्य में लोकतांत्रिक मूल्यों व परंपराओं को नुकसान पहुंचाने वाली घटनाएं नहीं होनी चाहिए।

in.jagran.yahoo.com se sabhar



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