देहरादून: कला-संस्कृति का महाकुंभ 'विरासत-2012' का इंद्रधनुषी आगाज 27 अक्टूबर को नंदा देवी जागर के साथ ओएनजीसी के अंबेडकर स्टेडियम में होगा। यह 'विरासत' इसलिए भी खास है, क्योंकि इस बार इसमें देश के विभिन्न प्रांतों समेत विदेशों से आए कलाकार भी अपनी सांस्कृतिक विविधता के दर्शन कराएंगे। यहां फ्यूजन के रंग भी बिखरेंगे और लोक संगीत की छटा भी। उत्सव को उत्कर्ष प्रदान करेगा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, जिसमें जीवन का संपूर्ण दर्शन समाया हुआ है।
रीच के महासचिव आरके सिंह ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विरासत का शुभारंभ 'नौबत' के साथ होगा। नौबत टिहरी राजशाही की परंपरा का हिस्सा है, जो उत्सव के मौके पर बजाई जाती थी। इस बार विरासत में देश के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं, विदेशी मुल्कों से भी कलाकार आ रहे हैं। इसलिए रसिकजनों को मोरक्को, ईरान, आस्ट्रिया, बेल्जियम, आयरलैंड, एस्टोनिया, बुरुंडी जैसे मुल्कों की लोकसंस्कृति से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि महफिल-ए-मुशायरा, गढ़वाली नृत्य नाटिका 'चक्रव्यूह' का मंचन, भोजपुरी संगीत, ओडिसी नृत्य, भरतनाट्यम, बैले, गुलाब बाई की नौटंकी, गजल, ठुमरी, शाम-ए-कव्वाली विरासत के विशेष आकर्षण रहेंगे। इस मौके पर लोकेश ओहरी, मीडिया को-ऑर्डिनेटर सामिया अकबर, जयश्री जोशी, कर्नल अरुण शर्मा आदि मौजूद रहे।
jagran.com se sabhar
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