Movie Download

Ghaur Bati Search

image ad

Chitika

Friday, October 26, 2012

ये मेहनत और हौसलों का पुल है

http://garhwalbati.blogspot.in

उत्तरकाशी : अंग्रेजी की एक मशहूर कहावत है 'गॉड हेल्प दोज, हू हेल्प देम्सेल्वेस' यानी भगवान भी उनकी ही मदद करता है, जो अपनी मदद स्वयं करते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तरकाशी के अठाली व चामकोट गांव के लोगों ने। ग्रामीणों ने असीगंगा की बाढ़ में तबाह हुए झूला पुल के स्थान पर भागीरथी नदी पर वैकल्पिक लकड़ी के पुल को बिना सरकारी मदद के एक हफ्ते में बना दिया।
जनपद की गंगा घाटी में प्रलयकारी बाढ़ में दर्जनों झूला पुल बहने के बाद गांव के लोग सरकारी तंत्र के भरोसे न रहकर नदी व नालों पर खुद वैकल्पिक पुल तैयार करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। बाढ़ में अठाली व चामकोट गांव को जोड़ने वाला पुल बहने के बाद अलग-थलग पड़े इन दोनों गांव में संकट पैदा हो गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस गंभीर समस्या को देखते हुए नदी पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आवाजाही के लिए ट्रॉली लगाई, लेकिन ट्रॉली के संचालन के लिए रखे एग दो होमगार्ड के जवान कुछ समय बाद चले गए। इसके बाद ट्रॉली लोगों ने खुद संचालित की। इस कारण आवाजाही की ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी रही। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद पुल बनाने की ठानी।
गांव के ग्रामीणों ने गांव में त्योहार व शादियों के सीजन को देखते हुए लोगों ने प्रशासन की सहायता के बिना भागीरथी नदी पर एक हफ्ते की कड़ी मशक्कत के बाद लकड़ी का वैकल्पिक पुल तैयार कर दिया। गांव के प्रधान संदीप पंवार ने बताया कि ट्रॉली से आवाजाही करने में गांव के बुजुर्ग व स्कूली बच्चों को भारी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए ग्रामीणों ने खुद का पुल तैयार कर दिया।
jagran.com se sabhar

No comments:

Post a Comment

thank for connect to garhwali bati

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...