http://garhwalbati.blogspot.in
देहरादून: शोध कितना महत्वपूर्ण है, इससे भी अहम यह है कि शोध किस विषय पर किया गया है। शोध का विषय खुद ही इसकी गुणवत्ता जाहिर कर देगा। यह बात डीएसई नई दिल्ली के प्रो. बीएल पंडित ने 'शोध पत्र कैसे लिखें' विषय पर आयोजित कार्यशाला पर कही। उन्होंने कहा कि किया गया शोध समाज और जनहित में होना चाहिए।
शनिवार को उप्र-उत्तराखंड इकॉनोमिक एसोसिएशन ने एसजीआरआर पीजी कॉलेज में 'शोध पत्र कैसे लिखें' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. बीएल पंडित, प्रो. पीके चौबे, डॉ. वीए बौड़ाई, प्रो. एके सिंह व प्रो. श्रीप्रकाश ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद पहला टेक्निकल सेशन शुरू हुआ। इसमें कारलेटन विवि कनाडा से आए प्रो. बली राम ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को शोध के लिए सही विषय का चुनाव और उसके बाद सही शोध कार्य करने की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि विषय के सही चुनाव के बाद शोध पर छात्रों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शोध के समय विषय से संबंधित सूक्ष्म से सूक्ष्म बिंदु का भी गहन अध्ययन करना आवश्यक है। इसके बाद ही उसके निष्कर्ष को शोध पत्र में लिखा जाना चाहिए।
तीन सत्र में हुए टेक्निकल सेशन में एमएच कॉलेज गाजियाबाद के प्रो. केवी त्यागी, लखनऊ विवि के प्रो. नार सिंह, गढ़वाल विवि की प्रो. अंजलि बहुगुणा, बीआइएम टेक ग्रेटर नोयडा के प्रो. श्रीप्रकाश, एएसयू अलीगढ़ के प्रो. अशोक मित्तल, प्रो. पीके चौबे आदि ने विचार रखे।
jagran.com se sabhar
No comments:
Post a Comment
thank for connect to garhwali bati