http://garhwalbati.blogspot.in
खटीमा: लगातार दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश कई परिवारों के लिए आफत बनकर आई। प्रकृति के कहर ने सौ परिवारों से छत छीन ली। ऐसे में कुदरत के आगे बेबस हुए ये परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। बारिश में उनका घरेलू सामान के साथ ही राशन भी तबाह हो गया।
सीमांत में मंगलवार को बारिश शुरू हुई तो लगातार मेघ बरसते रहे। बुधवार को भी आधी रात तक तेज बारिश का सिलसिला चलता रहा। 48 घंटे से अधिक समय तक हुई मूसलाधार बारिश ने कई परिवारों के लिए आफत ला दी। उनके आशियाने भारी बारिश में तबाह हो गए। दो दिनों की बारिश ने पचौरिया नई बस्ती के जोगाराम, हरीराम, देवराम, मेलाघाट के शम्भू, मलकू प्रसाद, रामदीन आदि के झाले ध्वस्त हो गए। वहीं गोरखा नाले के उफान पर आने से पचौरिया गांव के गोपाल राम, नंदाबल्लभ पाठक, सुरेश चंद, रमेश चंद, रमेश सिंह की कृषि भूमि उसमे समा गई। कुदरत की इस मार से करीब सौ परिवारों के सिर से छत छिन गई है। भारी बारिश से उनका दैनिक उपयोग का घरेलू सामान, कपड़े लत्ते व राशन तक नष्ट हो गया है। इन परिवारों के सामने दो जून की रोटी जुटाने का भी संकट गहरा गया है। अलबत्ता बारिश थमने से उन्होंने मामूली राहत महसूस की है। वही चकरपुर के जंगल किनारे रहने वाले जगदीश पांडे के झाले पर विशालकाय यूके लिपटिस का पेड़ गिर गया। जिसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। ग्राम प्रधान प्रवीन सिंह ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दे दी है। उन्होंने पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
jagran.com से साभार
No comments:
Post a Comment
thank for connect to garhwali bati