रूद्रपुर 08 जून- शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई) की नोडल अधिकारी मीनू बिष्ट ने शिक्षा, स्वास्थ्य व बाल विभाग के ग्रास रूट स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों को एक सप्ताह के अन्दर अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का पता लगाकर विद्यालयों में प्रवेश के लिये उनके आवेदन पत्र भरवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि वह बच्चों का इन्तजार किये बिना स्वयं उनके पास जाकर आवेदन पत्र भरवायेंगे।
सनातन धर्म इ0का0 में विकास खण्ड स्तरीय कार्यशाला में सुश्री बिष्ट ने वताया कि अधिनियम द्वारा अपवंचित एवं गरीब वर्ग के बच्चों का अच्छे विद्यालयों में शिक्षा लेने का सपना साकार होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह इन बच्चों के सपनों को साकार करने के लिये पूरी लगन एवं मेहनत के साथ उनका विद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को अपने नजदीकी विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा का प्राविधान है। अधिनियम के अन्तर्गत राजकीय,राजकीय सहायता प्राप्त के अलावा विशिष्ट एवं असहायता प्राप्त विद्यालयों को अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिये 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करनी होंगी। इस सीटों पर प्रवेश लेने वाले बच्चों से विद्यालय प्रबन्धन द्वारा प्रवेश,गणवेश एवं पुस्तकों का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। ऐसे बच्चों के साथ विद्यालय में कोई भेदभाव नहीं होगा तथा उनको अन्य बच्चों के साथ ही शिक्षा देनी होगी। इन बच्चों की पढ़ाई पर होने वाला व्यय की भरपाई मानक के अनुसार राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। उन्होंने वताया कि अधिनियम का अनुपालन न करने वाले विद्यालयों के खिलाफ नियमानुसार आर्थिक दण्ड सहित मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
उन्होंने वताया कि अधिनियम के कियान्वयन के लिये जिलाधिकारी द्वारा विकासखण्डवार तहसीलदार/खण्ड विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किये गये है। विकासखण्ड नोडल अधिकारी अपने क्षेत्र में प्रत्येक विद्यालय के लिये एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे।
कार्यशाला में अपर जिला शिक्षा अधिकारी डीसी सती,खण्ड विकास अधिकारी विवेक उपाध्याय के अलावा बाल विकास,शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में तैनात तमाम कर्मचारी उपस्थित थे।
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जिला सूचना अधिकारी
उधमसिंह नगर।
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4 months ago
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