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इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य महिपाल सिंह बुटोला ने बताया कि कंपनी ने अब तक जो कार्य किया भी है वह बेहद घटिया है। उन्होंने मार्ग पर हुए निर्माण कार्य की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा यदि जल्द डामरीकरण का कार्य प्रारंभ न करवाया गया तो क्षेत्र की जनता आंदोलन को बाध्य हो जाएगी।
मोटर मार्ग का विवरण
कांडीखाल से मलेथा तक 21 किमी डामरीकरण
कुल लागत- 41 करोड़
अब तक खर्च- 18 करोड़
स्थिति- पहले से भी बदतर
'कंपनी उक्त कार्य को बीच में छोड़कर चली गई है। कंपनी को विभाग ने नोटिस दिया है यदि कंपनी ने बचे कार्य को नहीं किया तो दूसरी कंपनी को यह काम सौंपा जाएगा'।
बीते वर्ष आई प्राकर्तिक आपदा से उत्तराखंड के कई ग्रामीण इलाको में हुए विनाश से जहाँ भारी नुकसान हुआ वहीँ दूसरी ओर कई इलाको में मोटर मार्ग भी छतिग्रस्त हो गए। कुछ ऐसा ही हाल है टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग का जो पिछले दो सालो से अधर में लटका हुआ है। स्थानिय लोगो को जहाँ एक तरफ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीँ दूसरी ओर राज्य सरकार चैन की नींद सो रही है। लोक निर्माण विभाग के एडीबी डिविजन से टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग का 21 किमी डामरीकरण कार्य दो साल से अधर में है। कंपनी को 18 करोड़ से अधिक भुगतान करने के बाद वह चंपत हो गई है।
गौरतलब है कि टिहरी- श्रीनगर मोटर मार्ग के कांडीखाल से मलेथा तक 21 किमी डामरीकरण के लिए वर्ष 2008-09 में लोनिवि के एडीबी डिविजन से टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इसके बाद विभाग ने एक कंपनी को यह काम सौंपा था। कंपनी ने मार्ग के इस भाग में छिटपुट काम तो किया, लेकिन जब सबसे महत्वपूर्ण काम सोलिंग व पेंटिंग का होना था तो कंपनी बीते अप्रैल माह में अपना सामान समेट कर चंपत हो गई है। एक ओर इस कंपनी ने जहां दो साल बीतने के बावजूद अभी तक 30 फीसदी का काम नहीं किया, वहीं विभाग ने कंपनी को अब तक करीब पचास फीसदी का भुगतान कर दिया गया है। यदि अभी मोटर मार्ग के इस भाग की हालत देखी जाए तो इस पर चलने वाले वाहन किसी तरह से यहां से गुजर पा रहे हैं और दुर्घटना का भी इस पर लगातार भय बना हुआ है।इस संबंध में पूर्व जिला पंचायत सदस्य महिपाल सिंह बुटोला ने बताया कि कंपनी ने अब तक जो कार्य किया भी है वह बेहद घटिया है। उन्होंने मार्ग पर हुए निर्माण कार्य की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा यदि जल्द डामरीकरण का कार्य प्रारंभ न करवाया गया तो क्षेत्र की जनता आंदोलन को बाध्य हो जाएगी।
मोटर मार्ग का विवरण
कांडीखाल से मलेथा तक 21 किमी डामरीकरण
कुल लागत- 41 करोड़
अब तक खर्च- 18 करोड़
स्थिति- पहले से भी बदतर
'कंपनी उक्त कार्य को बीच में छोड़कर चली गई है। कंपनी को विभाग ने नोटिस दिया है यदि कंपनी ने बचे कार्य को नहीं किया तो दूसरी कंपनी को यह काम सौंपा जाएगा'।
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