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उत्तराखंड की राजधानी को लेकर प्रदेश में फिर से आंदोलन होने की आशंका जताई जा रही है। प्रदेश की लोक वाहिनी, महिला मंच और चेतना आंदोलन के संयुक्त तत्वावधान में जल, जंगल व जमीन को बचाने तथा गैरसैण को उत्तराखंड को स्थायी राजधानी बनाने के लिए अल्मोड़ा से शुरू जनजागरण यात्रा पिथौरागढ़ पहुंच चुकी है।
स्थानीय नगर पालिका सभागार में बुद्धिजीवियों और समाज कर्मियों के साथ हुई वार्ता में मुद्दों को लेकर बातचीत की गई। उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष डा. शमशेर सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन की लूट माफिया तत्वों का हावी होना, राजनीति और प्रशासन में भ्रष्टाचार पहाड़ से लोगों का पलायन, बढ़ती बेरोजगारी यहां प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। उत्तराखंड की नदियों पर पांच सौ से ज्यादा छोटी बड़ी पन बिजली परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। उनका कहना था कि यदि सारी परियोजनाएं जमीन पर उतर गई तो नदियों पर कंपनियों का कब्जा हो जायेगा और आम पहाड़ी का बड़े पैमाने पर विस्थापन होगा। नदियों को बचाने की लड़ाई को और अधिक मजबूत करने की जरुरत बताई। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष को कारगर बनाने के लिए प्रदेश से बाहर के लोगों से भी समर्थन की दरकार की जा रही है।
आंदोलन के संयोजक मनोज त्यागी ने कहा कि विकास के मौजूदा स्वरुप को नकारना और नई वैकल्पिक विकास की योजना लोगों के सामने रखना आंदोलन का उद्देश्य है। प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय समुदाय का निर्णय अंतिम माना जाये। गांधीचौक में सार्वजनिक सभा करने के बाद यात्रा मुनस्यारी को प्रस्थान करेगी।
स्थानीय नगर पालिका सभागार में बुद्धिजीवियों और समाज कर्मियों के साथ हुई वार्ता में मुद्दों को लेकर बातचीत की गई। उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष डा. शमशेर सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन की लूट माफिया तत्वों का हावी होना, राजनीति और प्रशासन में भ्रष्टाचार पहाड़ से लोगों का पलायन, बढ़ती बेरोजगारी यहां प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। उत्तराखंड की नदियों पर पांच सौ से ज्यादा छोटी बड़ी पन बिजली परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। उनका कहना था कि यदि सारी परियोजनाएं जमीन पर उतर गई तो नदियों पर कंपनियों का कब्जा हो जायेगा और आम पहाड़ी का बड़े पैमाने पर विस्थापन होगा। नदियों को बचाने की लड़ाई को और अधिक मजबूत करने की जरुरत बताई। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष को कारगर बनाने के लिए प्रदेश से बाहर के लोगों से भी समर्थन की दरकार की जा रही है।
आंदोलन के संयोजक मनोज त्यागी ने कहा कि विकास के मौजूदा स्वरुप को नकारना और नई वैकल्पिक विकास की योजना लोगों के सामने रखना आंदोलन का उद्देश्य है। प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय समुदाय का निर्णय अंतिम माना जाये। गांधीचौक में सार्वजनिक सभा करने के बाद यात्रा मुनस्यारी को प्रस्थान करेगी।
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