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देश में बढ़ रही आतंकवादी गतिविधियों से देश की रक्षा करने के लिए युवाओ का सेना की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है। नक्सली व आतंकी हमले से जूझ रहे नार्थ ईस्ट, छत्तीसगढ़ व जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं का सेना में आना देश की शांति व खुशहाली के शुभ संकेत हैं। आइएमए से पास आउट होने वाले कैडेट्स में मणिपुर, मेघालय, मिजोरम व नागालैंड के युवा भी शामिल हैं। जोदेश के लिए एक अच्छा संकेत है। इस वर्ष पास आउट होने वाले कैडेट्स में उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 90, हरियाणा से 56 और उत्तराखंड से 43 कैडेट्स पास आउट हो रहे हैं। वहीं दो राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों के कैडेट सूची में शामिल नहीं हैं।
आइएमए से पास आउट होने वाले कैडेट्स में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या इस बार भी अच्छी खासी है। जनसंख्या के हिसाब से पास आउट होने वाले कैडेट्स में सबसे अधिक कैडेट उत्तराखंड के ही हैं। इस बार पास आउट होने वाले कैडेट्स की सूची में एक अच्छा संकेत देखने को मिला है। इस बार मणिपुर, मेघायल, मिजोरम व नागालैंड और उड़ीसा का नाम भी पास आउट करने वाले कैडेट्स की सूची में हैं। इससे साफ संकेत है कि आतंकवाद व माओवाद से जूझ रहे इलाकों के युवाओं के भीतर सेना विश्वास कायम करने में सफल हो रही है। यही कारण है कि अब सेना में आने के लिए इन युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है। इसे इन राज्यों में शांति स्थापित होने का शुभ संकेत के रूप में भी देखा जा सकता है। साथ ही जम्मू-कश्मीर व छत्तीसगढ़ के युवाओं का सेना में आना भी सेना के इन क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बहाल करने के रूप में उठाए गए कदमों की परिणति के रूप में देखा जा रहा है।
कैडेट्स की राज्यवार सूची
अंडमान निकोबार-1, आंध्र प्रदेश-9, अरुणाचल प्रदेश-1, असोम-5, बिहार- 35, चंडीगढ़-6,छत्तीसगढ़-1, दादर और नागर हवेली-0,दमन और दीव-0,दिल्ली -27,गोवा-0, गुजरात-3,हरियाणा-56,हिमाचल प्रदेश-31,जम्मू-कश्मीर-29,झारखंड-10, कर्नाटक-16,केरल-18, लक्ष्यदीप-0, मध्यप्रदेश-21,महाराष्ट्र-33, मणिपुर-5, मेघालय-1, मिजोरम-1, नागालैंड-3,उड़ीसा-14, पांडिचेरी-0, पंजाब-27, राजस्थान-35, सिक्किम-1, तमिलनाडु- 18, त्रिपुरा-0, उत्तर प्रदेश-90, उत्तराखंड -43, वेस्ट बंगाल-14, नेपाल मूल-02, कुल-546।
आइएमए से पास आउट होने वाले कैडेट्स में उत्तराखंड के कैडेट्स की संख्या इस बार भी अच्छी खासी है। जनसंख्या के हिसाब से पास आउट होने वाले कैडेट्स में सबसे अधिक कैडेट उत्तराखंड के ही हैं। इस बार पास आउट होने वाले कैडेट्स की सूची में एक अच्छा संकेत देखने को मिला है। इस बार मणिपुर, मेघायल, मिजोरम व नागालैंड और उड़ीसा का नाम भी पास आउट करने वाले कैडेट्स की सूची में हैं। इससे साफ संकेत है कि आतंकवाद व माओवाद से जूझ रहे इलाकों के युवाओं के भीतर सेना विश्वास कायम करने में सफल हो रही है। यही कारण है कि अब सेना में आने के लिए इन युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है। इसे इन राज्यों में शांति स्थापित होने का शुभ संकेत के रूप में भी देखा जा सकता है। साथ ही जम्मू-कश्मीर व छत्तीसगढ़ के युवाओं का सेना में आना भी सेना के इन क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बहाल करने के रूप में उठाए गए कदमों की परिणति के रूप में देखा जा रहा है।
कैडेट्स की राज्यवार सूची
अंडमान निकोबार-1, आंध्र प्रदेश-9, अरुणाचल प्रदेश-1, असोम-5, बिहार- 35, चंडीगढ़-6,छत्तीसगढ़-1, दादर और नागर हवेली-0,दमन और दीव-0,दिल्ली -27,गोवा-0, गुजरात-3,हरियाणा-56,हिमाचल प्रदेश-31,जम्मू-कश्मीर-29,झारखंड-10, कर्नाटक-16,केरल-18, लक्ष्यदीप-0, मध्यप्रदेश-21,महाराष्ट्र-33, मणिपुर-5, मेघालय-1, मिजोरम-1, नागालैंड-3,उड़ीसा-14, पांडिचेरी-0, पंजाब-27, राजस्थान-35, सिक्किम-1, तमिलनाडु- 18, त्रिपुरा-0, उत्तर प्रदेश-90, उत्तराखंड -43, वेस्ट बंगाल-14, नेपाल मूल-02, कुल-546।
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