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बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के साथ रामलीला मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अन्ना हजारे बुधवार से अपने सहयोगियों के साथ राजघाट पर अनशन पर बैठ गए हैं। महात्मा गाधी की समाधि राजघाट पर पुष्पाजलि अर्पित करने के बाद अन्ना हजारे प्रात: ठीक 10:20 बजे अनशन स्थल पहुंचे और कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच अपने समर्थकों के साथ एक दिवसीय अनशन शुरू किया।
हजारे ने वंदेमातरम, भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और वहा मौजूद समर्थकों ने बड़े उत्साह से उनका साथ दिया। अन्ना के साथ उनके साथी स्वामी अग्निवेश, शाति भूषण, किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल भी अनशन पर बैठे।
वहा मौजूद समर्थकों को संबोधित करते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आदोलन जनता ने हजारे के साथ ही बाबा रामदेव के नेतृत्व में भी शुरू किया है लेकिन अप्रैल में अन्ना द्वारा जंतर मंतर पर किए गए अनशन के दौरान अगर पुलिस कार्रवाई होती तो अन्ना गिरफ्तारी दे देते।
हजारे का जिक्र करते हुए और रामदेव पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए अग्निवेश ने कहा कि गत अप्रैल में हजारे ने शातिपूर्वक तरीके से जंतर मंतर पर लोकपाल मुद्दे पर अनशन किया था और अगर तब वहा पुलिस कार्रवाई की गई होती तो हजारे वहा विरोध नहीं करते बल्कि शांतिपूर्वक गिरफ्तारी दे देते। उन्होंने कहा कि अप्रैल में अन्ना के नेतृत्व में चार दिन तक शातिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया गया और चार दिन के अनशन के बाद सरकार ने अन्ना की मांगें मान लीं तो उन्होंने अनशन खत्म कर दिया था।
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हजारे ने सरकार से वादा किया था कि उनकी मागें मान लेने के बाद वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे और तब से अब तक सरकार के मंत्रियों से लगातार लोकपाल को लेकर बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा कि हम से कल सवाल किए गए थे कि अगर राजघाट पर रामलीला मैदान की तरह की कार्रवाई हुई तो क्या होगा तो हमने कहा था कि अप्रैल में जब जंतर मंतर पर अनशन के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो अब कैसे होगी। उन्होंने सवाल किया कि हमें अब जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति नहीं मिली तो क्या हम गुस्से में आ गए।
स्वामी अग्निवेश ने हालाकि रामलाली मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि सरकार कम से कम यह कह दे कि रामलीला मैदान में जो कुछ हुआ वह गलत था तो भी ठीक है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर अपनी गलती मान लेती है तो उसका कद नहीं घट जाएगा।
स्वामी ने कहा कि रामलीला मैदान पर बेकसूर लोगों पर लाठी चलाना निंदनीय घटना थी। उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन जनता के मौलिक अधिकारों को लेकर हम एक मत हैं।
इस बीच, अनशन स्थल पर लोगों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है और हजारे के समर्थक सुरक्षा कर्मियों से अवरोधक हटाने का आग्रह करते देखे गए ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो। उधर, अनशन स्थल के आस पास पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान भी यहा दिखाई पड़ रहे हैं।
इस बीच, हजारे के समर्थन में बुंदेलखड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख राजा बुंदेला, बाबा रामदेव के समर्थक हरिद्वार से स्वामी संतोषानंद, कई समाजसेवी संस्थाएं और अन्य अनेक लोग अनशन स्थल पर पहुंच गए हैं।
अनशन स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए किरण बेदी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और लूटपाट के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर हमें यहा क्यों बैठना पड़ा। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले आवाज नहीं उठाई और इसलिए आज हम इस स्थिति में पहुंच गए हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी ने कहा कि वे राजनीतिज्ञों के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने पहले राजनीतिज्ञों से संपर्क किया लेकिन उन लोगों ने कुछ नहीं किया इसलिए अन्ना को पहल करनी पड़ी।
अन्ना ने राजघाट स्थित गाधी दर्शन के द्वार के बाहर बने मंच पर सुबह ठीक 10:20 बजे अपने साथियों के साथ अनशन शुरू किया। इससे पहले वह अपने साथियों के साथ राजघाट गए और राष्ट्रपिता को श्रद्वाजलि अर्पित की। अन्ना के नेतृत्व में होने वाले इस अनशन में एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा और लोकपाल विधेयक पर बहस भी होगी।
कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुए इस अनशन स्थल और इसके आस पास दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, 'इंडिया अगेन्स्ट करप्शन' लिखी टीशर्ट पहने बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग हाथों में तिरंगे लहराते हुए राजघाट स्थित अनशन स्थल पहुंच रहे हैं। बहुत से लोग गाधी टोपी लगाए हुए हैं जिस पर 'मैं अन्ना हूं' लिखा है।
अनशन स्थल पर महात्मा गाधी की पोशाक पहन कर पहुंचा एक व्यक्ति सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह व्यक्ति बापू का पसंदीदा भजन 'रघुपति राघव राजा राम' गा रहा था।
सुरक्षा लिए यहा मेटल डिटेक्टर वाले दो गेट लगाए गए हैं और लोगों की दो बार जाच करने के बाद अनशन स्थल पर उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। इसके अलावा, प्रवेश से पहले स्वयं सेवकों के पंजीयन का इंतजाम भी है।
लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में अन्ना हजारे पक्ष की ओर से शामिल अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि बेकसूर लोगों पर लाठीचार्ज ने दर्शा दिया है कि केंद्र की यह सरकार भ्रष्टाचार में ही लिप्त रहना चाहती है और उसके खिलाफ जो भी आवाज उठाएगा उसे कुचल दिया जाएगा।
केजरीवाल ने यहा राजघाट पर हो रहे हजारे के अनशन के दौरान कहा कि इस देश की जनता के साथ इतने वर्षों से भ्रष्टाचार के रूप में धोखा हो रहा है। सरकार पहले प्रस्तावति लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने पर सहमति जता चुकी थी, लेकिन बाद में वह पलट गई। इसके बाद शाति भूषण के संबंध में एक सीडी सामने आई जो बाद में फर्जी पाई गई। उन्होने सवाल किया कि क्या यह सब धोखेबाजी, झूठ और षडयंत्र नहीं है। ऐसे में जब हमने बाबा रामदेव से कहा थ कि सरकार धोखेबाजी कर सकती है तो क्या गलत कहा था।
केजरीवाल ने यह भी माग की कि भाजपा, काग्रेस सहित सभी दल उन्हें दान या चंदे में मिली राशि का ब्यौरा सार्वजनिक करें। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि अप्रैल में जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के अनशन के दौरान हुए व्यय का हमसे ब्यौरा मागा गया तो हमने 24 घटे के अंदर उसे सार्वजनिक कर दिया था।
अन्ना हजारे को जंतर मंतर पर अनशन करने की सरकार से अनुमति नहीं दिए जाने को उन्होंने मूल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि अन्ना 73 वर्ष के हैं और उनके अब तक के सभी आदोलन शातिपूर्ण रहे हैं।
हजारे ने वंदेमातरम, भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और वहा मौजूद समर्थकों ने बड़े उत्साह से उनका साथ दिया। अन्ना के साथ उनके साथी स्वामी अग्निवेश, शाति भूषण, किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल भी अनशन पर बैठे।
वहा मौजूद समर्थकों को संबोधित करते हुए स्वामी अग्निवेश ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आदोलन जनता ने हजारे के साथ ही बाबा रामदेव के नेतृत्व में भी शुरू किया है लेकिन अप्रैल में अन्ना द्वारा जंतर मंतर पर किए गए अनशन के दौरान अगर पुलिस कार्रवाई होती तो अन्ना गिरफ्तारी दे देते।
हजारे का जिक्र करते हुए और रामदेव पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए अग्निवेश ने कहा कि गत अप्रैल में हजारे ने शातिपूर्वक तरीके से जंतर मंतर पर लोकपाल मुद्दे पर अनशन किया था और अगर तब वहा पुलिस कार्रवाई की गई होती तो हजारे वहा विरोध नहीं करते बल्कि शांतिपूर्वक गिरफ्तारी दे देते। उन्होंने कहा कि अप्रैल में अन्ना के नेतृत्व में चार दिन तक शातिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया गया और चार दिन के अनशन के बाद सरकार ने अन्ना की मांगें मान लीं तो उन्होंने अनशन खत्म कर दिया था।
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि हजारे ने सरकार से वादा किया था कि उनकी मागें मान लेने के बाद वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे और तब से अब तक सरकार के मंत्रियों से लगातार लोकपाल को लेकर बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा कि हम से कल सवाल किए गए थे कि अगर राजघाट पर रामलीला मैदान की तरह की कार्रवाई हुई तो क्या होगा तो हमने कहा था कि अप्रैल में जब जंतर मंतर पर अनशन के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो अब कैसे होगी। उन्होंने सवाल किया कि हमें अब जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति नहीं मिली तो क्या हम गुस्से में आ गए।
स्वामी अग्निवेश ने हालाकि रामलाली मैदान पर हुई पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि सरकार कम से कम यह कह दे कि रामलीला मैदान में जो कुछ हुआ वह गलत था तो भी ठीक है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर अपनी गलती मान लेती है तो उसका कद नहीं घट जाएगा।
स्वामी ने कहा कि रामलीला मैदान पर बेकसूर लोगों पर लाठी चलाना निंदनीय घटना थी। उन्होंने कहा कि हमारे मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन जनता के मौलिक अधिकारों को लेकर हम एक मत हैं।
इस बीच, अनशन स्थल पर लोगों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है और हजारे के समर्थक सुरक्षा कर्मियों से अवरोधक हटाने का आग्रह करते देखे गए ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो। उधर, अनशन स्थल के आस पास पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान भी यहा दिखाई पड़ रहे हैं।
इस बीच, हजारे के समर्थन में बुंदेलखड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख राजा बुंदेला, बाबा रामदेव के समर्थक हरिद्वार से स्वामी संतोषानंद, कई समाजसेवी संस्थाएं और अन्य अनेक लोग अनशन स्थल पर पहुंच गए हैं।
अनशन स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए किरण बेदी ने कहा कि यह भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और लूटपाट के खिलाफ आजादी की दूसरी लड़ाई है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर हमें यहा क्यों बैठना पड़ा। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले आवाज नहीं उठाई और इसलिए आज हम इस स्थिति में पहुंच गए हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी ने कहा कि वे राजनीतिज्ञों के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने पहले राजनीतिज्ञों से संपर्क किया लेकिन उन लोगों ने कुछ नहीं किया इसलिए अन्ना को पहल करनी पड़ी।
अन्ना ने राजघाट स्थित गाधी दर्शन के द्वार के बाहर बने मंच पर सुबह ठीक 10:20 बजे अपने साथियों के साथ अनशन शुरू किया। इससे पहले वह अपने साथियों के साथ राजघाट गए और राष्ट्रपिता को श्रद्वाजलि अर्पित की। अन्ना के नेतृत्व में होने वाले इस अनशन में एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा और लोकपाल विधेयक पर बहस भी होगी।
कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुए इस अनशन स्थल और इसके आस पास दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, 'इंडिया अगेन्स्ट करप्शन' लिखी टीशर्ट पहने बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग हाथों में तिरंगे लहराते हुए राजघाट स्थित अनशन स्थल पहुंच रहे हैं। बहुत से लोग गाधी टोपी लगाए हुए हैं जिस पर 'मैं अन्ना हूं' लिखा है।
अनशन स्थल पर महात्मा गाधी की पोशाक पहन कर पहुंचा एक व्यक्ति सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह व्यक्ति बापू का पसंदीदा भजन 'रघुपति राघव राजा राम' गा रहा था।
सुरक्षा लिए यहा मेटल डिटेक्टर वाले दो गेट लगाए गए हैं और लोगों की दो बार जाच करने के बाद अनशन स्थल पर उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। इसके अलावा, प्रवेश से पहले स्वयं सेवकों के पंजीयन का इंतजाम भी है।
लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में अन्ना हजारे पक्ष की ओर से शामिल अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि बेकसूर लोगों पर लाठीचार्ज ने दर्शा दिया है कि केंद्र की यह सरकार भ्रष्टाचार में ही लिप्त रहना चाहती है और उसके खिलाफ जो भी आवाज उठाएगा उसे कुचल दिया जाएगा।
केजरीवाल ने यहा राजघाट पर हो रहे हजारे के अनशन के दौरान कहा कि इस देश की जनता के साथ इतने वर्षों से भ्रष्टाचार के रूप में धोखा हो रहा है। सरकार पहले प्रस्तावति लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने पर सहमति जता चुकी थी, लेकिन बाद में वह पलट गई। इसके बाद शाति भूषण के संबंध में एक सीडी सामने आई जो बाद में फर्जी पाई गई। उन्होने सवाल किया कि क्या यह सब धोखेबाजी, झूठ और षडयंत्र नहीं है। ऐसे में जब हमने बाबा रामदेव से कहा थ कि सरकार धोखेबाजी कर सकती है तो क्या गलत कहा था।
केजरीवाल ने यह भी माग की कि भाजपा, काग्रेस सहित सभी दल उन्हें दान या चंदे में मिली राशि का ब्यौरा सार्वजनिक करें। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि अप्रैल में जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के अनशन के दौरान हुए व्यय का हमसे ब्यौरा मागा गया तो हमने 24 घटे के अंदर उसे सार्वजनिक कर दिया था।
अन्ना हजारे को जंतर मंतर पर अनशन करने की सरकार से अनुमति नहीं दिए जाने को उन्होंने मूल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि अन्ना 73 वर्ष के हैं और उनके अब तक के सभी आदोलन शातिपूर्ण रहे हैं।
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