Movie Download

Ghaur Bati Search

image ad

Chitika

Sunday, March 13, 2011

सस्ते खाद्यान्न से खिल उठेगा हिल सीड

http://garhwalbati.blogspot.com
खाद्यान्न पैदावार में पिछड़ा उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र अपने लिए ही नहीं, बल्कि अन्य पर्वतीय प्रदेशों में खाद्यान्न पैदावार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के मंसूबे बांधे है। इसका दारोमदार 'हिल सीड' पर है। अभी पेट की आग शांत करने के काम आ रहे हिल सीड को सस्ता खाद्यान्न योजना से नया जीवन मिलने जा रहा है। रणनीति कामयाब हुई तो अगले पांच सालों में 50 लाख कुंतल बीज के जरिए सूबे को तकरीबन 200 करोड़ से ज्यादा आमदनी हो सकती है।
अटल खाद्यान्न योजना प्रदेश की जनता विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 'आम के आम और गुठलियों' के दाम की तर्ज पर लाभकारी साबित हो सकती है। जी हां, इस योजना से बीपीएल और एपीएल परिवारों को सस्ता राशन तो उपलब्ध हो ही रहा है, पर्वतीय किसानों को 'हिल सीड' की कमी दूर कर आमदनी बढ़ाने का अच्छा-खासा जरिया हाथ लग गया। अब उत्तराखंड खुद के लिए ही नहीं, देश के तमाम पर्वतीय राज्यों में हिल सीड की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने की स्थिति में पहुंचने जा रहा है। फिलवक्त सीड नाकाफी होने से पहाड़ क्षमता की तुलना में गेहूं, चावल, मसूर, सोयाबीन, उड़द समेत दलहन और तिलहन का बेहद कम उत्पादन कर रहे हैं। हिल सीड की खासियत यह है कि बाजार में इसकी कीमत खाद्यान्न की कीमत से तकरीबन 25 फीसदी ज्यादा मिलती है। साथ ही इसका इस्तेमाल होने से उत्पादन क्षमता में 20 फीसदी से अधिक इजाफा होता है। सीड पर मंडी टैक्स भी नहीं लिया जाता। हालांकि खाद्यान्न सीड के लिए इसके तय मानकों पर खरा उतरना जरूरी है।
अभी कास्तकार उत्पादित खाद्यान्न का मामूली हिस्सा ही सीड के तौर पर बचा रहे हैं। यह सीड भूख मिटाने में जाया हो रहा है। इस वित्तीय वर्ष में खाद्यान्न, दालों और तिलहन फसलों के लिए 50 हजार कुंतल से कम सीड वितरित हुआ। अटल खाद्यान्न योजना में बीपीएल के साथ एपीएल को भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन तकरीबन आधी कीमत पर मिल रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में एपीएल परिवार अधिक है। यह बड़ी आबादी भोजन के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर निर्भर है। अटल खाद्यान्न योजना लागू होने के बाद हर साल हिल सीड की उपलब्धता 86 हजार कुंतल से दस लाख कुंतल सालाना तक बढ़ाई जा सकती है। इसमें गेहूं और चावल के हिल सीड की भागीदारी सबसे अधिक होगी। संपर्क करने पर कृषि सचिव ओमप्रकाश ने स्वीकार किया कि सस्ता खाद्यान्न योजना हिल सीड के लिए क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है। इससे अगले पांच सालों में 50 लाख कुंतल हिल सीड संरक्षित करने का लक्ष्य हासिल करने पर मंथन किया जा रहा है। ऐसा हुआ तो हिल सीड के जरिए किसानों और राज्य की आमदनी में करोड़ों का इजाफा संभव है।
in.jagran.yahoo.com se sabhar

No comments:

Post a Comment

thank for connect to garhwali bati

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...