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गोपेश्वर : स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक लेते हुए डीएम डॉ. पीएस गुसांई ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार कर आम आदमी तक जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने जन्म-मृत्यु पंजीकरण को महत्वपूर्ण अभिलेख बताते हुए पंजीकरण की कार्रवाई में लापरवाही न किए जाने के कड़े निर्देश अधिकारियों को दिए।
डॉ. गुसांई ने सीडीओ डॉ. वी षणमुगम को बीडीओ की मासिक बैठक जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यक्रम की समीक्षा किए जाने को कहा। जिला सभागार में आयोजित बैठक में सीएमओ डॉ. एके सिंह ने जन्म-मृत्यु, स्वैच्छिक रक्तदान, टीबी/एचआईवी व जिला अन्धता निवारण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. सिंह ने बताया जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्रत्येक नागरिक के पास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत अधिकारी रजिस्ट्रार का काम कर रहे हैं। इसलिए जन्म व मृत्यु की घटना जहां होती हैं, वहीं पंजीकरण का काम भी होना जरूरी है। डॉ. सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में रक्त भण्डारण की सुविधा उपलब्ध है, इसलिए स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रक्त भण्डारण किया जाता है। डॉ. सिंह ने बताया कि अब तक हुई जांच में 273 टीबी व 5 लोग एचआईवी रोग से ग्रसित पाए गए हैं। जिला अन्धता निवारण कार्यक्रम के तहत नई तकनीकी से 725 मोतियाबिन्द के ऑपरेशन व विभिन्न स्कूलों में लगभग 2359 बच्चों की आंखों की जांच के बाद 57 बीपीएल परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क चश्मे वितरित किए गए। बैठक में सीडीओ डॉ. वी षणमुगम, डिप्टी सीएमओ डॉ. बीएस पाल व डॉ. एनके यादव, मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. प्रकाश वर्मा, डॉ. पवन द्विवेदी, डॉ. एनके सिन्हा, डॉ. हरीश मैखुरी, समाज कलयाण अधिकारी राजपाल सिंह सजवाण, प्रमोद पंवार, ममता शाह, प्रतिभा पंवार, जेपी पुरोहित, कुशलानन्द भट्ट, बीसी डिमरी आदि शामिल रहे।
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डॉ. गुसांई ने सीडीओ डॉ. वी षणमुगम को बीडीओ की मासिक बैठक जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्यक्रम की समीक्षा किए जाने को कहा। जिला सभागार में आयोजित बैठक में सीएमओ डॉ. एके सिंह ने जन्म-मृत्यु, स्वैच्छिक रक्तदान, टीबी/एचआईवी व जिला अन्धता निवारण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. सिंह ने बताया जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्रत्येक नागरिक के पास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत अधिकारी रजिस्ट्रार का काम कर रहे हैं। इसलिए जन्म व मृत्यु की घटना जहां होती हैं, वहीं पंजीकरण का काम भी होना जरूरी है। डॉ. सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में रक्त भण्डारण की सुविधा उपलब्ध है, इसलिए स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रक्त भण्डारण किया जाता है। डॉ. सिंह ने बताया कि अब तक हुई जांच में 273 टीबी व 5 लोग एचआईवी रोग से ग्रसित पाए गए हैं। जिला अन्धता निवारण कार्यक्रम के तहत नई तकनीकी से 725 मोतियाबिन्द के ऑपरेशन व विभिन्न स्कूलों में लगभग 2359 बच्चों की आंखों की जांच के बाद 57 बीपीएल परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क चश्मे वितरित किए गए। बैठक में सीडीओ डॉ. वी षणमुगम, डिप्टी सीएमओ डॉ. बीएस पाल व डॉ. एनके यादव, मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. प्रकाश वर्मा, डॉ. पवन द्विवेदी, डॉ. एनके सिन्हा, डॉ. हरीश मैखुरी, समाज कलयाण अधिकारी राजपाल सिंह सजवाण, प्रमोद पंवार, ममता शाह, प्रतिभा पंवार, जेपी पुरोहित, कुशलानन्द भट्ट, बीसी डिमरी आदि शामिल रहे।
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