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अगस्त्यमुनि(रुद्रप्रयाग), प्रखंड अगस्त्यमुनि के अन्तर्गत वीरों देवल की मां चंडिका अपनी धिराणियों की कुशलक्षेम पूछने के लिए 22 वर्षो बाद अरखुड गांव से देवरा यात्रा पर निकल गई हैं। भ्रमण के दौरान मां लगभग 100 गांवों का भ्रमण करेंगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अरखुड गांव में मां चंडिका का मायका तथा वीरों देवल में ससुराल है। जिसको लेकर ग्रामीणों की ओर से 22 वर्षो बाद ग्राम अरखुड में बन्याथ का आयोजन किया जा रहा है। चंडिका मां आज सोमवार से धिराणियों की कुशलक्षेम पूछने के लिए देवरा यात्रा पर निकल गई है। यात्रा को सफल बनाने के लिए क्षेत्र के श्रद्धालु भारी संख्या में यात्रा के साथ चल रहे हैं। अपनी देवरा यात्रा के दौरान मां लगभग एक सौ गांवों का भ्रमण कर लोगों को आशीर्वाद देगी। जिसमें वीरों देवल, पाली, डालसिंगी, बसुकेदार, क्यार्क, पौंडार, किमाणा, दानकोट, स्यूंर, डडोली, डोभा, डांगी, रायड़ी, चन्द्रापुरी, बक्सीर समेत कई गांव शामिल हैं। ग्राम प्रधान अरखुंड बीना देवी, चन्दन सिंह राणा, बचन सिंह झिंक्वाण ने बताया कि देवरा यात्रा भ्रमण के बाद मां चंडिका 4 फरवरी को अरखुंड पहुंचेगी। जहां जल कलश यात्रा एवं धार्मिक अनुष्ठान के बाद 18 फरवरी को ग्रामीणों की ओर से मां चंडिका को अपने ससुराल वीरों देवल के लिए विदा किया जायेगा। उन्होंने बन्याथ के आयोजन को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक भक्तों से यहां आने की अपील की है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अरखुड गांव में मां चंडिका का मायका तथा वीरों देवल में ससुराल है। जिसको लेकर ग्रामीणों की ओर से 22 वर्षो बाद ग्राम अरखुड में बन्याथ का आयोजन किया जा रहा है। चंडिका मां आज सोमवार से धिराणियों की कुशलक्षेम पूछने के लिए देवरा यात्रा पर निकल गई है। यात्रा को सफल बनाने के लिए क्षेत्र के श्रद्धालु भारी संख्या में यात्रा के साथ चल रहे हैं। अपनी देवरा यात्रा के दौरान मां लगभग एक सौ गांवों का भ्रमण कर लोगों को आशीर्वाद देगी। जिसमें वीरों देवल, पाली, डालसिंगी, बसुकेदार, क्यार्क, पौंडार, किमाणा, दानकोट, स्यूंर, डडोली, डोभा, डांगी, रायड़ी, चन्द्रापुरी, बक्सीर समेत कई गांव शामिल हैं। ग्राम प्रधान अरखुंड बीना देवी, चन्दन सिंह राणा, बचन सिंह झिंक्वाण ने बताया कि देवरा यात्रा भ्रमण के बाद मां चंडिका 4 फरवरी को अरखुंड पहुंचेगी। जहां जल कलश यात्रा एवं धार्मिक अनुष्ठान के बाद 18 फरवरी को ग्रामीणों की ओर से मां चंडिका को अपने ससुराल वीरों देवल के लिए विदा किया जायेगा। उन्होंने बन्याथ के आयोजन को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक भक्तों से यहां आने की अपील की है।
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