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जागरण कार्यालय, बागेश्वर: वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित भीमराव अंबेडकर हस्त शिल्प विकास योजना के तहत हिमालयी पर्यावरण सुरक्षा समिति (होप)द्वारा तैयार किये गये रिंगाल के उत्पाद मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। मेलार्थियों ने जमकर रिंगाल के उत्पाद खरीदे।
ऐतिहासिक सरयू बगड़ में लगाये गये स्टाल में होप संस्था के सचिव प्रकाश जोशी ने बताया कि भारत सरकार की यह परियोजना कपकोट ब्लाक में संचालित की जा रही है। जहां पर लोग पहले से ही पारंपरिक रिंगाल के उत्पाद तैयार करते रहे हैं। लेकिन उन्हें बाजार मुहैया नहीं हो पाता था। रिंगाल का कच्चा माल भी मल्ला दानपुर में आसानी से मिल जाता है। संस्था ने रिंगाल के पारंपरिक तथा आधुनिक उत्पाद तैयार कर काश्तकारों को बाजार मुहैया कराया है। जिसमें लैंप, कूड़ादान, फूलदान, दीवार घड़ी, आसन, प्रसाद टोकरी सहित डाले, सूपे, मोहटे आदि सामान तैयार किया गया था। जिसे मेलार्थियों ने खरीदा। संस्था के मोहन पांडे, नीरज कांडपाल व कौश्तुभ जोशी ने बताया कि मेले में लोगों ने रिंगाल के उत्पाद को सराहा।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
ऐतिहासिक सरयू बगड़ में लगाये गये स्टाल में होप संस्था के सचिव प्रकाश जोशी ने बताया कि भारत सरकार की यह परियोजना कपकोट ब्लाक में संचालित की जा रही है। जहां पर लोग पहले से ही पारंपरिक रिंगाल के उत्पाद तैयार करते रहे हैं। लेकिन उन्हें बाजार मुहैया नहीं हो पाता था। रिंगाल का कच्चा माल भी मल्ला दानपुर में आसानी से मिल जाता है। संस्था ने रिंगाल के पारंपरिक तथा आधुनिक उत्पाद तैयार कर काश्तकारों को बाजार मुहैया कराया है। जिसमें लैंप, कूड़ादान, फूलदान, दीवार घड़ी, आसन, प्रसाद टोकरी सहित डाले, सूपे, मोहटे आदि सामान तैयार किया गया था। जिसे मेलार्थियों ने खरीदा। संस्था के मोहन पांडे, नीरज कांडपाल व कौश्तुभ जोशी ने बताया कि मेले में लोगों ने रिंगाल के उत्पाद को सराहा।
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