(सुदर्शन सिंह रावत) |
अल्मोड़ा 08 जनवरी विकास भवन सभागार में पंचायतों में मनरेगा के नियोजन व क्रियान्वयन के लिए सरपंचों की एक कार्यशाला आहूत की गई। अध्यक्षता प्रभारी जिलाधिकारी व सीडीओ धीराज सिंह गब्र्याल ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरपंचों की इस कार्यशाला का उद्देश्य मनरेगा के जरिये वन पंचायतों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ व स्वावलंबी बनाने के साथ रोजगारपरक बनाना है। वन पंचायतों के जरिये मनरेगा के काम सरपंचों से कराए जाएंगे। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। गब्र्याल ने कहा कि ऐसी वन पंचायतें जिनके पास 50 हेक्टेयर भूमि हो, उनमें टैक्नीकल एक्सपर्ट के माध्यम से 5 वर्षीय माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा। मनरेगा के माध्यम से योजनाओं का संचालन कर उन्हें मजबूत व उपयोगी बनाया जाएगा। बैठक में मौजूद सभी सरपंचों से एक सप्ताह के भीतर बैठक कर प्रस्ताव भेजने को कहा। ताकि उन्हें मनरेगा के कार्यक्रम में शामिल किया जा सके। लोक चेतना मंच के जोगेंदर बिष्ट ने कार्यशाला में सरपंचों को बताया कि पांच साला माइक्रो योजना में प्रस्तावित गतिविधियों के तहत सीमांकन, सघनीकरण, बांज क्षेत्रों में प्राकृतिक पुनरोत्पादन, चारा विकास, जड़ी-बूटी, बांस रोपण, भूमि व मृदा संरक्षण, वनों की सुरक्षा जैसे कार्य किए जा सकते हैं। जिसमें प्रथम वर्ष में वन पंचायतों का सीमांकन कर मृदा कार्य व पौधशाला का निर्माण किया जाएगा। द्वितीय वर्ष में पौधे की ढुलाई, रोपण, अग्निकाल में पौधों की सुरक्षा का काम होगा। कार्यशाला में प्रसार प्रशिक्षण केंद्र के आचार्य डॉ.जीएस खाती, जिला विकास अधिकारी एसएसएस पांगती ने भी जानकारी दी। |
Wednesday, January 12, 2011
पंचायतों को मनरेगा के तहत मुहैया होंगे रोजगार
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
thank for connect to garhwali bati