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गढ़वाल मैत्री समिति ने विकासनगर में गढ़ चेतना रैली निकाली। रैली के माध्यम से गढ़वाली समाज को अपनी सभ्यता व संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आने का आह्वान किया गया। वहीं, सांस्कृतिक महोत्सव में गढ़वाली गीत व नृत्यों की धूम रही।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारिका प्रसाद उनियाल ने कहा कि पहाड़ के गांवों को छोड़कर शहरों में आए लोगों को अपने बिसरे खेत-खलिहान की चिंता करनी चाहिए। विधायक विकासनगर कुलदीप कुमार ने कहा कि अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए खासकर युवा पीढ़ी को जागरूक होना होगा। संस्कृति जीवित रहेगी तो राष्ट्र मजबूत होगा। गढ़ चेतना रैली संतोषी माता ग्राउंड से शुरू होकर सैय्यद रोड, डाकपत्थर तिराहे, अस्पताल रोड चौक, मुख्य बाजार, सिनेमागली होते हुए त्रिशला देवी जैन धर्मशाला में सांस्कृतिक महोत्सव स्थल पर पहुंच कर संपन्न हुई। रैली पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल, दमाऊ, मशकबीन व रणसिंघे के साथ निकली। रैली में क्षेत्र में रहने वाले गढ़वाली समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली के माध्यम से गांवों को छोड़कर शहरों में रह रहे गढ़वाली समाज के लोगों से अपनी बोली-भाषा, रीति-रिवाज, संस्कृति का सम्मान करने व इसके संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की गई। सांस्कृतिक महोत्सव की शुरूआत 'जय गंगे बोली औला, चल माथा टेकी क औला' गाने के साथ हुई। गुरुकुल एकेडमी बुलाकीवाला के छात्रों ने 'ऐजा हे भानुमति पाबौ बाजार', विकास निकेतन जूनियर हाईस्कूल डाकपत्थर के छात्र-छात्राओं ने 'मेरी सुभागा सजीली, रंग-रूप की छबीली', दिनेश लाल ने 'घुट-घुट बाडूली लगदी', साक्षी भट्ट ने 'आंखों मा रिंगणी, पाणी मा रिंगणी मेरी टिहरी', शांति वर्मा ने 'भारत माको को प्यारो उत्तराखंड हमारो, यो गढ़देश न्यारो' व जगमोहन वर्मा ने 'रण सिंगो बाजो बाजे, बाजे रे मुरली झमाझम' प्रस्तुत किया। इस मौके पर विधायक पुरोला राजेश जुवांठा, गढ़वाली मैत्री समिति के संरक्षक रामगोपाल उनियाल व अध्यक्ष ऋषि कोठियाल कृषि उत्पादन मंडी समिति के चेयरमैन विपुल जैन, समाजसे वीरेंद्र मोहन उनियाल, जीएमवीएन के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, सुमन प्रसाद रतूड़ी, डॉ. सुनील पैन्यूली, धनदेश उनियाल, मायाराम उनियाल, उर्मिला शर्मा, राकेश ममगाई आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारिका प्रसाद उनियाल ने कहा कि पहाड़ के गांवों को छोड़कर शहरों में आए लोगों को अपने बिसरे खेत-खलिहान की चिंता करनी चाहिए। विधायक विकासनगर कुलदीप कुमार ने कहा कि अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए खासकर युवा पीढ़ी को जागरूक होना होगा। संस्कृति जीवित रहेगी तो राष्ट्र मजबूत होगा। गढ़ चेतना रैली संतोषी माता ग्राउंड से शुरू होकर सैय्यद रोड, डाकपत्थर तिराहे, अस्पताल रोड चौक, मुख्य बाजार, सिनेमागली होते हुए त्रिशला देवी जैन धर्मशाला में सांस्कृतिक महोत्सव स्थल पर पहुंच कर संपन्न हुई। रैली पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल, दमाऊ, मशकबीन व रणसिंघे के साथ निकली। रैली में क्षेत्र में रहने वाले गढ़वाली समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली के माध्यम से गांवों को छोड़कर शहरों में रह रहे गढ़वाली समाज के लोगों से अपनी बोली-भाषा, रीति-रिवाज, संस्कृति का सम्मान करने व इसके संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की गई। सांस्कृतिक महोत्सव की शुरूआत 'जय गंगे बोली औला, चल माथा टेकी क औला' गाने के साथ हुई। गुरुकुल एकेडमी बुलाकीवाला के छात्रों ने 'ऐजा हे भानुमति पाबौ बाजार', विकास निकेतन जूनियर हाईस्कूल डाकपत्थर के छात्र-छात्राओं ने 'मेरी सुभागा सजीली, रंग-रूप की छबीली', दिनेश लाल ने 'घुट-घुट बाडूली लगदी', साक्षी भट्ट ने 'आंखों मा रिंगणी, पाणी मा रिंगणी मेरी टिहरी', शांति वर्मा ने 'भारत माको को प्यारो उत्तराखंड हमारो, यो गढ़देश न्यारो' व जगमोहन वर्मा ने 'रण सिंगो बाजो बाजे, बाजे रे मुरली झमाझम' प्रस्तुत किया। इस मौके पर विधायक पुरोला राजेश जुवांठा, गढ़वाली मैत्री समिति के संरक्षक रामगोपाल उनियाल व अध्यक्ष ऋषि कोठियाल कृषि उत्पादन मंडी समिति के चेयरमैन विपुल जैन, समाजसे वीरेंद्र मोहन उनियाल, जीएमवीएन के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, सुमन प्रसाद रतूड़ी, डॉ. सुनील पैन्यूली, धनदेश उनियाल, मायाराम उनियाल, उर्मिला शर्मा, राकेश ममगाई आदि मौजूद थे।
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