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आइस स्केटिंग पर प्रेक्टिस को तरस रहे खिलाड़ियों की मुराद रविवार को पूरी हो गई। खिलाड़ियों ने भी मौके का फायदा उठाते हुए जमकर पसीना बहाया। साथ ही उद्घाटन समारोह की तैयारियां भी की गई।
साउथ एशियन विंटर गेम्स की तैयारियों के लिए रिंक में दोबारा से बर्फ जमाने के कार्य व मार्किंग करने के चलते बंद कर दिया गया था। रविवार को दोपहर बाद इसे खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया। सबसे पहले शास्त्रीय नृत्यांगना एमी पारिख ने उद्घाटन समारोह के लिए रिंक पर लगभग आधे घंटे तक आइस स्केटिंग पर भरतनाट्यम का अभ्यास किया। इसके बाद जूनियर स्केटरों ने फिगर स्केटिंग की प्रेक्टिस। काफी समय से प्रेक्टिस को तरस रहे भारतीय आइस हॉकी खिलाड़ियों ने तो काफी देर तक खेल का मजा लिया। साथ ही उद्घाटन समारोह के दौरान होने वाले डेमो मैच की तैयारी भी की। इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने भी उद्घाटन समारोह के लिए रिंक में की गई लाइटिंग व्यवस्था को परखा।
खेलों में भाग लेने आई नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव व भूटान के खिलाड़ी रविवार सुबह एक बार फिर रिंक पहुंचे। हालांकि तब रिंक के अंदर किसी को जाने नहीं दिया गया।
किट तो मिली पर नाम नहीं
साउथ एशियन गेम्स में भाग लेने वाली भारतीय टीम को आयोजकों की ओर से सफेद रंग की किट तो दी, मगर उसमें भारत का नाम डालना भूल गए। यह जरूर है कि इसमें डब्ल्यूजीएफआइ का नाम बड़ा-बड़ा इंगित किया हुआ है। कायदे में तो किट के अपर पर बड़े-बड़े अक्षरों में इंडिया दर्ज होना चाहिए था। मगर आयोजकों ने आगे की ओर छोटे अक्षरों में इंडिया लिखकर इतिश्री कर ली।
रिंक के बाहर चमक दमक के लिए घास लगाने व सड़क को दुरुस्त करने का कार्य दिनभर चलता रहा। आयोजन स्थल के चारों और फूल व घास लगाई गई।
खेलों के उद्घाटन अवसर पर होने वाले मार्चपास्ट के लिए खिलाड़ियों को आउटडोर में ही ड्रेस रिहर्सल करनी पड़ी। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने आए लोक कलाकारों ने भी बाहर ही अभ्यास किया। आइटीबीपी व आर्मी के बैंड ने बाहर ही रिहर्सल की।
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साउथ एशियन विंटर गेम्स की तैयारियों के लिए रिंक में दोबारा से बर्फ जमाने के कार्य व मार्किंग करने के चलते बंद कर दिया गया था। रविवार को दोपहर बाद इसे खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया। सबसे पहले शास्त्रीय नृत्यांगना एमी पारिख ने उद्घाटन समारोह के लिए रिंक पर लगभग आधे घंटे तक आइस स्केटिंग पर भरतनाट्यम का अभ्यास किया। इसके बाद जूनियर स्केटरों ने फिगर स्केटिंग की प्रेक्टिस। काफी समय से प्रेक्टिस को तरस रहे भारतीय आइस हॉकी खिलाड़ियों ने तो काफी देर तक खेल का मजा लिया। साथ ही उद्घाटन समारोह के दौरान होने वाले डेमो मैच की तैयारी भी की। इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने भी उद्घाटन समारोह के लिए रिंक में की गई लाइटिंग व्यवस्था को परखा।
खेलों में भाग लेने आई नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव व भूटान के खिलाड़ी रविवार सुबह एक बार फिर रिंक पहुंचे। हालांकि तब रिंक के अंदर किसी को जाने नहीं दिया गया।
किट तो मिली पर नाम नहीं
साउथ एशियन गेम्स में भाग लेने वाली भारतीय टीम को आयोजकों की ओर से सफेद रंग की किट तो दी, मगर उसमें भारत का नाम डालना भूल गए। यह जरूर है कि इसमें डब्ल्यूजीएफआइ का नाम बड़ा-बड़ा इंगित किया हुआ है। कायदे में तो किट के अपर पर बड़े-बड़े अक्षरों में इंडिया दर्ज होना चाहिए था। मगर आयोजकों ने आगे की ओर छोटे अक्षरों में इंडिया लिखकर इतिश्री कर ली।
रिंक के बाहर चमक दमक के लिए घास लगाने व सड़क को दुरुस्त करने का कार्य दिनभर चलता रहा। आयोजन स्थल के चारों और फूल व घास लगाई गई।
खेलों के उद्घाटन अवसर पर होने वाले मार्चपास्ट के लिए खिलाड़ियों को आउटडोर में ही ड्रेस रिहर्सल करनी पड़ी। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने आए लोक कलाकारों ने भी बाहर ही अभ्यास किया। आइटीबीपी व आर्मी के बैंड ने बाहर ही रिहर्सल की।
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