(सुदर्शन सिंह रावत)
डाडामंडी। ग्राम्य विकास मंत्री विजया बड़थ्वाल ने कहा है कि गढ़वाल की सांस्कृतिक धरोहर ये मेले क्षेत्र की विशिष्टता की भी पहचान हैं। इन उच्च शानदार परंपराओं को हर हाल में संजोए रखते हुए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के हाथों आगे बढ़ाते रहने की जरूरत है गिंदी कौथिग के दूसरे दिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ करते हुए ग्राम्य विकास, महिला सशक्तीकरण व बाल विकास मंत्री विजया बड़थ्वाल ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति एवं सभ्यता के परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की संस्कृति व सभ्यता के संरक्षण-संवर्द्धन को तमाम मेलों को संरक्षित कर रही है।उन्होंने डाडामंडी गेंद मेले को भव्य रूप प्रदान करने व संस्कृति विभाग से मेले के आयोजन को धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्षेत्र में खाद्य व फल प्रसंस्करण प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना हो चुकी है व भूमि उपलब्ध होने पर केंद्र का भवन बनाया जाएगा। उन्होंने क्षेत्र में आईटीआई खोलने की भी घोषणा की बतौर विशिष्ट अतिथि बलूनी क्लासेस (देहरादून) के चेयरमैन डॉ. नवीन बलूनी ने स्थानीय मेलों के विकास पर ध्यान दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया। मेले के दूसरे दिन भी लोक गीत-नृत्यों की प्रस्तुतियों की खूब धूम रही। मंत्री विजया बड़थ्वाल समेत विशिष्ट अतिथि नवीन बलूनी के हाथों प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। मेला समिति के अध्यक्ष आशीष तिवारी, मेला संयोजक सुरेश देवरानी, उपाध्यक्ष जगत सिंह, सचिव विजयमान बिष्ट, संजय सिंह, दिनेश खत्री, उम्मेद नेगी, अशोक नेगी आदि मौजूद थे।।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि बलूनी इंस्टीटयूट के निदेशक डॉ. नवीन बलूनी, विपिन बलूनी, जनार्द्धन बलूनी, बीडीओ द्वारीखाल पुष्पेंद्र चौहान, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तीरथ सिंह राही, ऊषा देवरानी, राकसंप के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश मोहन तिवारी, सुरेंद्र सिंह नेगी, शेर सिंह राणा, मुकेश सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह रावत, विमल किशोर बलोदी, विकास कुमार भट्ट, उम्मेद सिंह नेगी आदि मौजूद रहे। संचालन जगत सिंह रावत ने किया।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि बलूनी इंस्टीटयूट के निदेशक डॉ. नवीन बलूनी, विपिन बलूनी, जनार्द्धन बलूनी, बीडीओ द्वारीखाल पुष्पेंद्र चौहान, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तीरथ सिंह राही, ऊषा देवरानी, राकसंप के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश मोहन तिवारी, सुरेंद्र सिंह नेगी, शेर सिंह राणा, मुकेश सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह रावत, विमल किशोर बलोदी, विकास कुमार भट्ट, उम्मेद सिंह नेगी आदि मौजूद रहे। संचालन जगत सिंह रावत ने किया।
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