(सुदर्शन सिंह रावत ) गढ़वाल की सांस्कृतिक धरोहर ये मेले क्षेत्र की विशिष्टता की भी पहचान हैं। इन उच्च शानदार परंपराओं को हर हाल में संजोए रखते हुए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के हाथों आगे बढ़ाते रहने की जरूरत है आज उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि बिदेशों में भी आज यह भाई चारे के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है
यूएईमें भी कौथिग धूम धाम से उत्तरांचली एशोसियेशन आफ अमीरात द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजन किया गया "यूएई कौथिग 2010"। 500 के लगभग उत्तराखंडी भाई बहन इसमे शामिल हुये और एक उत्तराखंड नज़र आया यू ए ई मे। सभी लोगो ने कौथिग का भरपूर आनंद लिया और अपनी संस्कृति को इस तरह आगे से जुडने और जोडने तथा दुःख सुख मैं एक दुसरे के साथ के साथ देने का वायदा का प्रयास व सफलता का एक कदम बताया !
यूएईमें भी कौथिग धूम धाम से उत्तरांचली एशोसियेशन आफ अमीरात द्वारा आयोजित सांस्कृतिक आयोजन किया गया "यूएई कौथिग 2010"। 500 के लगभग उत्तराखंडी भाई बहन इसमे शामिल हुये और एक उत्तराखंड नज़र आया यू ए ई मे। सभी लोगो ने कौथिग का भरपूर आनंद लिया और अपनी संस्कृति को इस तरह आगे से जुडने और जोडने तथा दुःख सुख मैं एक दुसरे के साथ के साथ देने का वायदा का प्रयास व सफलता का एक कदम बताया !
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