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Tuesday, June 21, 2011

ट्रेन चालक की समझदारी से टला गया बड़ा हादसा

बीते सोमवार को हरिद्वार बाइपास रेलवे क्रासिंग पर एक बड़ा हादसा होने बच गया। अगर सही समय पर ट्रेन चालक अपनी  सूझबूझ से काम न लेता तो नाजाने कितने मासूम लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता।   जरा सोचिये शताब्दी एक्सप्रेस अपनी रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही हो और व्यस्ततम ट्रैफिक वाले मार्ग का रेलवे बैरियर खुला हुआ हो। तो.. क्या से क्या हो जाता।  ऐसा ही कुछ हुआ सोमवार को हरिद्वार बाइपास रेलवे क्रासिंग पर। चालक ने बीच रास्ते में ही ट्रेन रोक कर  एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया।
घटना सोमवार शाम लगभग सवा पांच बजे हरिद्वार बाइपास रेलवे फाटक पर हुई। हुआ यूं कि, शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली जाने के लिए अपने निर्धारित समय पर स्टेशन से चली। जब ट्रेन बाइपास फाटक के नजदीक पहुंची तो ट्रेन चालक ने दूर से भांप लिया कि फाटक खुला हुआ है। यह वो फाटक है जिस पर हर समय वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है। चालक ने गेटमैन से संपर्क करना चाहा पर दूसरी ओर से जवाब नहीं मिला। चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा ट्रेन फाटक से चंद मीटर पहले रोक दी। रेलवे फाटक पर शताब्दी एक्सप्रेस को देखते ही वाहन चालकों के होश उड़ गए। भगदड़ जैसे हालत बन गए।
चालक नीचे उतरा और गेटमैन को देखने गया। वहां का नजारा देखकर वह हतप्रभ रह गया। गेटमैन अपने कक्ष से नदारद था। तलाश हुई तो वह कक्ष की पिछली तरफ नशे में धुत पड़ा था, जबकि वायरलैस सेट जमीन पर गिरा हुआ था। चालक ने तुरंत रेलवे स्टेशन पर अफसरों से संपर्क किया व मामले की जानकारी दी। सूचना मिलते ही अफसरों में हड़कंप मच गया। अफसर मौके पर पहुंचे। सूचना पर पुलिस भी वहां आ पहुंची। पुलिस ने आरोपी गेटमैन को अपने कब्जे में ले लिया और मेडिकल को ले गई। इसके बाद फाटक बंद कर शताब्दी एक्सप्रेस को दिल्ली रवाना किया गया। इस दौरान लोगों का यही कहना था कि अगर चालक ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
स्टेशन अधीक्षक एसडी डोबाल ने बताया कि फाटक रेलवे के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ईडब्लूआइ के अंर्तगत आता है। घटना के बाद ही ईडब्लूआइ के अफसर वहां पहुंच गए थे। उन्होंने गेटमैन का मेडिकल कराया व उसे तत्काल सस्पेंड कर दिया। मामले में रेलवे द्वारा जांच बैठा दी गई है।

पिछले दिनों भी हुई थी ऐसी ही घटना, जिसमे ट्रेन को जंगल में रोकना पड़ा था।

 23 मई को बांद्रा एक्सप्रेस अपनी निर्धारित गति से आ रही थी। तभी दून-हरिद्वार हाइवे पर मोहकमपुर फाटक को गेटमैन ने बंद कर दिया। एक रोडवेज चालक ने बैरियर बंद होने से चंद सेंकड पहले बस फाटक में घुसा दी। इस दौरान सामने वाला फाटक बंद हो गया और बस रेलवे ट्रैक पर फंस गई। उस वक्त भी बांद्रा एक्सप्रेस को जंगल में रोकना पड़ा नहीं तो शायद उस दिन भी कोई बड़ा हादसा हो जाता।

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