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Thursday, June 23, 2011

सैकड़ों पत्रकार सामूहिक उपवास पर बैठे। जंतर मंतर पर संगठन

नईं दिल्ली। पत्रकार संगठन प्रेस फ्रीडम ने मुंबई में मिड डे के पत्रकार जे डे के हत्यारों काो गिरफ्तार करने और देश भर में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमलों के प्रति अपना रोष प्रकट करते हुए आज जंतर मंतर पर एक दिवसीय उपवास रखकर धरना दिया और देश भर में संगठन से जुड़े लोगों ने काला दिवस मनाया।
श्री अजय कुमार पाण्डेय ने बताया‌ कि प्रेस फ्रीडम ने देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ १८ जून को   पूरे देश में काला दिवस मनाया जिसके तहत देश भर में पत्रकार साथियों ने काला फीता बांधा और जिला मुख्यालयों पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट काो ज्ञापन भी दिया।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठï पत्रकार श्री डे की हत्या प्रेस का गला घोंटने वाली कार्रवाई है और इस घटना पर सरकार की चुप्पी खतरनाक है। उन्होंने कहा, मंच ने  पत्रकार डे के शोक संतप्त परिवार के लिए मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये की मांग की है।
उन्होंने बताया कि संगठन की यह भी मांग है, कि जो पत्रकार, खतरे का सामना कर रहे हैं उनके लिए अनिवार्य सत्यापन के बिना बंदूक लाइसेंस दिया जाए। प्रेस फ्रीडम, ने उन अन्य सभी पत्रकारों के एक परिजन काो, जिनकी अभी हाल ही में हत्या कर दी गई है, नौकरी की मांग की है, उनमें दैनिक भास्‍कर बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और नई दुनिया, रायपुर के पत्रकार उमेश राजपूत के परिवार शामिल हैं।
संगठन ने मांग की है कि पत्रकार कपिल शर्मा की ग्यारह- बारह जून की रात्रि में अवैध हिरासत में रखने एवं थर्ड डिग्री का प्रयोग करने वाले दिल्ली के थाना तीमारपुर के एसएचओ एवं स्टाफ के विरुद्घ अपहरण एवं अवैध हिरासत में रखने का मुकदमा कायम किया जाए।
संगठन द्वारा आहूत काला दिवस काो जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ सिविल सोसायटी, गुवाहाटी प्रेस क्लब,आगरा प्रेस क्लब, बचपन बचाओ आन्दोलन एवं कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया। 
प्रदर्शन में अजय कुमार पाण्डेय, अमलेन्दु उपाध्याय, शाह आालम, शारिक नकवी, सोहन भारद्वाज, ओम प्रकाश पाल, बिपीन कुमार तिवारी, सीतेश कश्यप, श्रवण शुक्ला, राकेश रमन, सीपी मिश्रा, वीरेन्द्र सैनी, अवनीश राय, नीरज कुमार, आजाद अंसारी, वरुण शँैलेश, पूर्णिमा, उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार जूनियन के उधम सिंह नगर जिला सचिव प्रेम अरोड़ा, हिमांशु बिष्टï, अरुण कुमार उरांव, सत्येंद्र प्रताप सिंह, नितिन, अविनाश सिंह, नवीन कुमार रण्वी‍ार, प्रकाश •कुमार सिंह, आशीष पाण्डेय, रविन्द्र शर्मा, विक्रान्‍त शिशोदिया, शिव शैलेन्द्र, भू त्यागी, सुरेन्द्र त्यागी,अशोक चौधरी, नरेश पाण्डेय, यू एस राना, आशुतोष कुमार झा, विजय शर्मा, जगदीप सिंधु, विनीत सिंहप्रियंका शर्मा, मनीष कुमार, मुमताज आलम रिजवी, अमित कुमार, मु गुफरान खान, मु नाज खान, सुमित गुप्ता, ए के सूर्यावंशी, रंजीत कुमार झा, डॉ राजीव, आदि ने भी भाग लिया। 
बाद में दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर ज्ञापन प्रस्तुत किया। 


ज्ञापन


 

 

प्रतिष्ठ में 
माननीय मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
नई दिल्ली


पिछले काफी समय से ईमानदार पत्रकारों के सामने अपने कतर्तव्य का निर्वहन करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। हाल ही में मिड डे के पत्रकार ज्यातिर्मय डे की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारों के कत्ल का जो सिलसिला शहीद उमेश डोभाल से शुरु हुआ थावह रुका नहीं है और सरकारें भी पत्रकारों की सुरक्षा के सवाल पर न केवल हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं बल्कि अब तो जनता के सवालों को पूरी शिद्दत के साथ उठाने वाले पत्रकारों को फर्जी मुठभेड़ों में मारने और जेल भेजने का भी सिलसिला शुरु हो गया है। 
स्व डे कर्तव्यनिष्ठ पत्रकारो के लिए एक बड़ा आदर्श बन कर उभरे हैं। पीडि़त परिवार की समुचित मदद कर केन्द्र सरकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा सकती हैं। यह मौका उन अनेकों पत्रकारों के बारे में भी सोचने का है जो अपनी कलम से पत्रकारिता के उच्चतम मापदंड़ों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं औऱ नित नए खतरों से खेलते रहते हैं। 
अत: इस घटना पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए हम मांग करते हैं कि --

1.  जे डे के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहयोग राशि मिले।
2. नई दुनिया रायपुर के पत्रकार उमेश राजपूतदै
‌निक भास्कर बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और स्वतंत्र पत्रकार हेमचंद्र पाण्डेय समेत सभी उन पत्रकारों के परिजनों को एक - एक करोड़ रुपया मुआवजा मिले जिनकी हत्याएं हुई हैं। 
2. पत्रकारों की सुरक्षा के खास प्रबंध हों।
3. किसी भी आपात स्थिति में पत्रकार की स्वाभा
विक या स्वाभाविक मृत्यु होने पर एक करोड़ रुपये की राशि बीमा कवच के रूप में पीडि़त परिवार को मिले।
4. दुर्घटना- वारदात के शिकार पत्रकारों के आश्रित अव्यस्क बच्चों को निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो।
5. पीडि
त परिवार के किसी एक वयस्क सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की व्यवस्था हो। यदि परिवार में कोई वयस्क व्यक्ति नहीं है तो परिवार को पारिवारिक पेंशन दी जाए।
6. जनता के सवालों को पूरी शिद्दत से उठाने वाले पत्रकार प्रशांत राहीसीमा आजादसुधीर धवले और विश्वविजय को तत्काल रिहा किया जाए।
7. पत्रकार कपिल शर्मा की ग्यारह- बारह जून की रात्रि में अवैध हिरासत 
में रखने एवं थर्ड डिग्री का प्रयोग करने वाले दिल्ली के थाना तीमारपुर के एसएचओ एवं स्टाफ के विरुद्घ अपहरण एवं अवैध हिरासत में रखने का मुकदमा कायम किया जाए

 

हम हैं प्रेस फ्रीडम के साथी

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