देश के कोने कोने से आये केदारबाबा के दर्शन के लिए हजारो श्रद्धालुओं पर ऊर्जा निगम की काली छाया पड़ने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यही नहीं इस यात्रा के दौरान कई लोगो को तो अपनी जान भी गवानी पड़ी। यात्रा मार्गो पर विद्युत आपूर्ति ठप होने से सन्नाटा छा जाता है, ऊपर से यात्री की भारी भीड़ व संकरी सड़कों पर भक्तों की आवाजाही के दौरान लगातार जान का जोखिम बना रहता है। आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक गौरीकुंड में विद्युत गुल होने के बाद दो लोगों की अंधेरे में खाई में गिरने से मौत हो चुकी है, जबकि सत्रह लोग घायल हो चुके हैं।
यात्रा शुरु होने के साथ ही विद्युत गुल होने का सिलसिला शुरू हो गया। इसका खामियाजा देश विदेश से आने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, मुख्य पड़ाव स्थलों पर भारी भीड़ व धक्का-मुक्की होने से अंधेरे में आवाजाही काफी मुश्किल हो जाती है।
गौरीकुंड में कई डेंजर जोन हैं। विद्युत गुल होने से यहां एक-एक कदम चलना भी मुश्किल हो जाता है, इस पर तुर्रा यह है कि यात्रियों को टैक्सी व जीप पार्किंग के चलते पैदल ही बाजार तक आना पड़ता है, लेकिन यह रास्ता काफी डेंजर है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
अब तक हुई दुर्घटना
1-लाल चन्द शुक्ला उम्र-55 वर्ष पटियाला, पंजाब
मौत- 23 मई गौरीकुण्ड में
2-अज्ञात महिला-उम्र 55 वर्ष,
मौत-29 मई, गौरीकुण्ड में
3-17 लोग अंधेरे में सड़क से नीचे गिरने से घायल हो चुके हैं।
इतनी दुर्घटनाये होने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं, शायद सरकार की नींद तब खुलेगी जब कोई बड़ा हादसा होगा।
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