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पौड़ी गढ़वाल : देवभूमि में अब यात्रियों को उत्तराखंड की संस्कृति व परंपराओं के दर्शन नहीं होंगे। सरकार ने बदरी-केदार महोत्सव के लिए धनराशि जारी करना बंद कर दिया है। ऐसे में संस्कृति की विकास यात्रा एक बार फिर थम गई है।
जबकि यह महोत्सव उत्तराखंड की संस्कृति का सुदूर दक्षिण तक फैलाविश्व प्रसिद्ध धाम बदरीनाथ व केदारनाथ की यात्रा शुरू होते ही उत्तराखंड में बदरी-केदार महोत्सव आयोजित होता था किंतु वर्तमान भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया है। बदरीनाथ व केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद महोत्सव हरिद्वार से शुरू होता था। मैदान से यह पहाड़ की तरफ उतरते हुए ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, केदारनाथ व अंत में बदरीनाथ में महोत्सव समाप्त होता था। इस बीच देश के विभिन्न प्रांतों से आने वाले यात्री राज्य की संस्कृति व परंपराओं से रूबरू होते थे किन्तु अब यह महोत्सव बंद कर दिया गया है और यात्रियों को सीजन में बदरी-केदार की क्षेत्र की संस्कृति देखने को नहीं मिलेगी। इसके लेकर कलाकारों में में तो गुस्सा है लेकिन उत्तराखंड के संस्कृति विभाग को इसका दर्द तक महसूस नहीं हो रहा है।
महोत्सव बंद हो गया है, इसके क्या कारण हैं इसकी जानकारी नहीं है।
बलराज नेगी, रंगमंडल संयोजक उत्तराखंड संस्कृति विभाग, देहरादून।
महोत्सव को लेकर राज्य सरकार से धनराशि जारी नहीं हुई है इसलिए इस महोत्सव को बंद समझा जाए।
डॉ. बीपी बड़ोनी, प्रभारी संस्कृति विभाग, गढ़वाल मंडल, पौड़ी।
जबकि यह महोत्सव उत्तराखंड की संस्कृति का सुदूर दक्षिण तक फैलाविश्व प्रसिद्ध धाम बदरीनाथ व केदारनाथ की यात्रा शुरू होते ही उत्तराखंड में बदरी-केदार महोत्सव आयोजित होता था किंतु वर्तमान भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया है। बदरीनाथ व केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद महोत्सव हरिद्वार से शुरू होता था। मैदान से यह पहाड़ की तरफ उतरते हुए ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, केदारनाथ व अंत में बदरीनाथ में महोत्सव समाप्त होता था। इस बीच देश के विभिन्न प्रांतों से आने वाले यात्री राज्य की संस्कृति व परंपराओं से रूबरू होते थे किन्तु अब यह महोत्सव बंद कर दिया गया है और यात्रियों को सीजन में बदरी-केदार की क्षेत्र की संस्कृति देखने को नहीं मिलेगी। इसके लेकर कलाकारों में में तो गुस्सा है लेकिन उत्तराखंड के संस्कृति विभाग को इसका दर्द तक महसूस नहीं हो रहा है।
महोत्सव बंद हो गया है, इसके क्या कारण हैं इसकी जानकारी नहीं है।
बलराज नेगी, रंगमंडल संयोजक उत्तराखंड संस्कृति विभाग, देहरादून।
महोत्सव को लेकर राज्य सरकार से धनराशि जारी नहीं हुई है इसलिए इस महोत्सव को बंद समझा जाए।
डॉ. बीपी बड़ोनी, प्रभारी संस्कृति विभाग, गढ़वाल मंडल, पौड़ी।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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