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Thursday, May 26, 2011

तकनीकी खराबी व तेज हवाएं विमान हादसे की वजह

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फरीदाबाद। नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] ने 10 लोगों की जान लेने वाले फरीदाबाद विमान हादसे की गुरुवार को जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच से इस बात के संकेत मिले हैं कि तकनीकी खराबी और तेज हवाएं इस दुर्घटना का मुख्य कारण हो सकती हैं।
घटनास्थल का मुआयना करने वाले एयर सिक्योरिटी डायरेक्टर रामनाथ ने बताया कि इस तरह के छोटे विमानों में ब्लैक बाक्स जैसा उपकरण नहीं होने से हादसे के कारणों का सही-सही आकलन कर पाना संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि विमान ने आपात लैंडिंग की थी और इसी दौरान यह हादसे का शिकार हो गया इसलिए इस बात की आशंका अधिक है कि विमान में किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण चालक उसपर नियंत्रण नहीं रख पाया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मौसम की खराबी और तेज हवाओं के कारण विमान का संतुलन बिगड़ना भी इस हादसे की वजह हो सकती है। बहरहाल जांच के बाद ही इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। नागर विमानन सचिव नसीम जैदी ने बताया कि नागर विमानन मंत्रालय ने हादसे के सभी पहलुओं की जांच के लिए एक जांच समिति गठित कर दी है।
प्रारंभिक जांच से जुड़ी टीम के करीबी सूत्रों ने कहा कि बुधवार रात स्विट्जरलैंड निर्मित 'पैलिटस पीसी-12' विमान के साथ हुए हादसे का कारण तकनीकी खराबी और तेज हवाएं हो सकती हैं। इस विमान में नौ यात्रियों और दो पायलटों को ले जाने की क्षमता थी। एयर चार्टर सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का यह विमान कल रात दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने से ठीक 15 मिनट पहले फरीदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार सभी सात लोग मारे गए और जमीन पर विमान की चपेट में आए एक मकान में मौजूद तीन महिलाओं की मौत हो गई।
डीजीसीए ने जांच निरीक्षक [इंस्पेक्टर आफ इंक्वायरी] की नियुक्ति की है जिसके पास विमान के मलबे सहित घटनास्थल की सभी साक्ष्य सामग्री का प्रभार होगा। सूत्रों ने बताया कि विमान के पिछले हिस्से सहित इसका 60 प्रतिशत हिस्सा ही मिला, जबकि काकपिट सहित शेष हिस्सा पूरी तरह नष्ट हो गया और आग में जल गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के छोटे विमानों में फ्लाइट डाटा रिकार्डर और काकपिट वायस रिकार्डर [सीवीआर] नहीं लगाया जाता। डीजीसीए की छह सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और वहां की तस्वीरें लीं।
टीम ने ग्लोबल पोजिशिनिंग प्रणाली उपकरण के जरिए दुर्घटनास्थल की देशांतर रेखांश स्थिति और मानचित्रण का अध्ययन किया। जांच के दौरान डीजीसीए अधिकारी विमान के रखरखाव और अन्य दस्तावेजों का भी अध्ययन करेगा। डीजीसीए के रिकार्ड के मुताबिक एक इंजन वाले इस विमान का निर्माण 2005 में हुआ था और यह इस साल जनवरी में पंजीकृत हुआ था। इसमें नौ यात्रियों और चालक दल के दो सदस्यों को ले जाने की क्षमता थी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने विमान हादसे में 10 लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे में मारी गई फरीदाबाद के एक ही परिवार की तीन महिलाओं के नजदीकी परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने प्रत्येक घायल को 20-20 हजार रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि हादसे में मकान को पहुंचे नुकसान का आकलन किया जाएगा और उसके अनुरूप मुआवजा दिया जाएगा।
दूसरी ओर एयर चार्टड सर्विसेज इंडिया लिमिटेड ने भी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। यह जानकारी कंपनी के निदेशक [अभियान] सुनील गौड़ ने दी। सूत्रों ने बताया कि हादसे से चंद मिनट पहले विमान के कमांडर कैप्टन हरप्रीत ने हवाई नियंत्रण कक्ष [एटीसी] को सूचना दी थी कि वह खराब मौसम का सामना कर रहे हैं। एटीसी ने उनसे नीचे नहीं आने को कहा था।
उन्होंने कहा कि शायद तकनीकी खराबी के चलते विमान नीचे आ गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने कहा कि ए सिर्फ कयास हैं और इन्हें विस्तृत जांच के दौरान तथ्यों से जोड़कर देखा जाएगा। मंत्रालय को प्रारंभिक रिपोर्ट पहले ही सौंपी जा चुकी है। उप निदेशक [हवाई सुरक्षा] के नेतृत्व में डीजीसीए की एक टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है। वह जांच के लिए ब्यौरा और सबूत एकत्र कर रही है।
सामान्य उड्डयन, गैर अधिसूचित संचालन परमिटधारकों और हवाई एंबुलेंस संचालन के मौजूदा सुरक्षा नियामकों की समीक्षा के लिए एक कार्यदल गठित किया गया है।
 in.jagran.yahoo.com se sabhar

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