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गोपेश्वर : ढाई करोड़ रुपये की प्रस्तावित पोखरी पेयजल पुनर्गठन योजना पर कार्य शुरू न होने पर नाराज अखिल भारतीय मानवाधिकार समिति के उत्तराखंड प्रभारी हरिकृष्ण किमोठी के जिलाधिकारी कार्यालय पर आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।
जिलाधिकारी को दिये गए ज्ञापन में किमोठी का कहना है कि 3000 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र पोखरी में लोग पिछले 8 सालों से इस योजना के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की अकार्यकुशलता के कारण अभी तक यह योजना स्वीकृत ही नहीं की गयी है। यही वजह है कि आज भी पोखरी के लोग एक-एक बूंद पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मानवाधिकार समिति के उत्तराखंड प्रभारी किमोठी ने पोखरी हापला मोटर मार्ग की समस्या भी जिलाधिकारी के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री स्व.नरेंद्र सिंह भंडारी के अथक प्रयासों से इस मोटर मार्ग का निर्माण किया गया, लेकिन अब इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी से संबंधित विभाग मुंह मोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों से इस मोटर मार्ग पर डामरीकरण नहीं हो पाया है। यह भी बताया कि पोखरी कर्णप्रयाग सड़क पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है, लेकिन उसकी गुणवत्ता अत्यंत घटिया है। इस डामरीकरण की गुणवत्ता की जांच की मांग भी उन्होंने की। किमोठी ने कहा कि क्षेत्र के किमोठा गांव को संस्कृत गांव घोषित किया गया है, लेकिन धरातल पर यहां संस्कृत के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। जिससे संस्कृत का प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा है। कहा कि यदि जल्द ही उनकी इन समस्याओं का निराकरण न किया गया तो, वह जिलाधिकारी कार्यालय पर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
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जिलाधिकारी को दिये गए ज्ञापन में किमोठी का कहना है कि 3000 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र पोखरी में लोग पिछले 8 सालों से इस योजना के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की अकार्यकुशलता के कारण अभी तक यह योजना स्वीकृत ही नहीं की गयी है। यही वजह है कि आज भी पोखरी के लोग एक-एक बूंद पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मानवाधिकार समिति के उत्तराखंड प्रभारी किमोठी ने पोखरी हापला मोटर मार्ग की समस्या भी जिलाधिकारी के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री स्व.नरेंद्र सिंह भंडारी के अथक प्रयासों से इस मोटर मार्ग का निर्माण किया गया, लेकिन अब इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी से संबंधित विभाग मुंह मोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों से इस मोटर मार्ग पर डामरीकरण नहीं हो पाया है। यह भी बताया कि पोखरी कर्णप्रयाग सड़क पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है, लेकिन उसकी गुणवत्ता अत्यंत घटिया है। इस डामरीकरण की गुणवत्ता की जांच की मांग भी उन्होंने की। किमोठी ने कहा कि क्षेत्र के किमोठा गांव को संस्कृत गांव घोषित किया गया है, लेकिन धरातल पर यहां संस्कृत के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। जिससे संस्कृत का प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा है। कहा कि यदि जल्द ही उनकी इन समस्याओं का निराकरण न किया गया तो, वह जिलाधिकारी कार्यालय पर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।
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