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शहर की 13 बीघा नजूल भूमि पर अरसे से काबिज अतिक्रमणकारियों पर आखिर जेसीबी गरज ही गई। पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में एक के बाद एक अवैध कब्जे कर खड़े किए गए 12 आवासीय भवन जमींदोज कर दिए गए। कार्रवाई के विरोध में उतरे बसपा नेता व एक अन्य को डपट कर हिरासत में ले लिया। साथ ही अतिक्रमणकारियों की भीड़ को हटाने के लिए पीएसी का भी सहारा लिया गया।
वार्ड-14 इंदिरा नगर के पश्चिम की ओर कंपनी बाग में 13 बीघा नजूल भूमि है। पालिका प्रशासन के अनुसार अरसा पूर्व भू-माफियाओं ने कब्जा कर प्लॉट काट महंगे दामों पर बेच दिए गए। नतीजतन देखते ही देखते सरकारी जमीन करीब 56 परिवारों के कब्जे में आ गई। इनमें 17 ने तो बाकायदा नियम व कानून को ताक पर रख आवासीय भवन भी खड़े कर डाले।
यही नहीं पांच लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी। ये मामले अदालत में लंबित हैं। इधर हरकत में आए प्रशासन ने सोमवार को अतिक्रमण हटाने को अभियान छेड़ दिया। सुबह ही सिटी मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद्र, एसडीएम अशोक जोशी, एसपी डॉ.सदानंद दाते, एएसपी जेएस भंडारी, कोतवाल कुलदीप सिंह असवाल, तहसीलदार प्रत्यूष कुमार सिंह, ईओ बीएस ह्यांकी, कर अधीक्षक संजय कुमार व निरीक्षक बिजेंद्र सिंह चौहान पुलिस व पीएसी लेकर अतिक्रमण स्थल पर पहुंचे।
आदेश मिलते ही जेसीबी मशीन से एक व कुछ दोमंजिला भवन भरभरा कर धराशायी कर दिए गए। अचानक हुई कार्रवाई से इंदिरा नगर व कंपनी बाग इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान अवैध कब्जेदार व अभियान दल में शामिल अधिकारियों में नोकझोंक भी हुई। मगर अफसरों के तल्ख तेवरों के आगे विरोध दब गया। इस बीच अभियान की खिलाफत में नारेबाजी करते पहुंचे बसपा नेता रईसउल हसन जेसीबी पर जा चढ़े। अधिकारियों के समझाने पर भी न माने तो पुलिस कर्मियों ने बसपा नेता व एक अन्य को बलपूर्वक नीचे उतार हिरासत में ले लिया। रईसउल को काफी देर नीचे बैठाए रखने के बाद पुलिस उन्हें कोतवाली उठा लाई। हालांकि अभियान खत्म होने के बाद छोड़ दिया गया। इधर, अतिक्रमणकारियों व मजमा लगाए खड़े लोगों को पीएसी ने दौड़ा कर दूर खदेड़ दिया।
jagran.yahoo.com se sabhar
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