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चांदपुर पट्टी के सिद्धपीठ शैलेश्वर महादेव मंदिर में चार दिवसीय सांस्कृतिक एवं विकास मेले के दूसरे दिन क्षेत्र के कनोठ, नैणी, झुरकंडे, डंग्री, ग्वाड़, जसपुर, खेती, पुनगांव, बिसोणा आदि दूर-दराज गांवों से आयी महिलाओं ने जलकलश के साथ महादेव की झांकी निकाली। साथ ही मंदिर में कीर्तन जागरण के कार्यक्रम चलते रहे। महिला मंगल दल की ओर से प्रस्तुत चौफुला व झुमेला नृत्य भी मेले में आकर्षण का केन्द्र रहा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि गैरसैंण ब्लॉक प्रमुख जानकी रावत ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति के द्यौत्तक हैं और इससे स्थानीय प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर मिलता है, वहीं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से भी लोग रूबरू होते हैं। मेला समिति अध्यक्ष गब्बर सिंह रावत ने शैलेश्वर महादेव के धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेले के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को मुख्य धारा से जोड़ना है। कार्यक्रम में मैती संस्था बैनोली की ओर से पर्यावरण संवर्द्धन व संरक्षण पर गीत, नाटिका भी प्रस्तुत की गयी, जबकि विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। वहीं मंदिर में चले अखंड रामायण पाठ के बाद सोमवार को श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया, जबकि रूद्री-यज्ञ में ग्रामीण बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। इस मौके पर आयोजन समिति महामंत्री विनोद नेगी, मोहन भंडारी, संजय नेगी, धर्म सिंह, नरेन्द्र सिंह, सुजान सिंह, ऊषा देवी आदि जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
jagran.yahoo.com se sabhar
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